किसी executive magistrate द्वारा किसी व्यक्ति को परिशान्ति बनाये रखने के लिए बंधपत्र (bond paper) हेतु आदेश न दिया जाये इसके लिए उस व्यक्ति से कारण दर्शाने की अपेक्षा करना हीं धारा 107 का मूल है. यह धारा Cr.P.C.,1973 की धारा है.
इस धारा के तहत executive magistrate किसी व्यक्ति से अपेक्षा कर सकता है कि उससे 1 वर्ष की अवधि के लिए बंधपत्र क्यों ना निष्पादित किया जाये. यह अपेक्षा तब की जाएगी जब magistrate को यह सूचना मिलती है की वह व्यक्ति परिशान्ति भंग करेगा या ऐसी सम्भावना है कि उसके कार्य से ऐसा हो जायेगा.
इस धारा के अधीन कार्यवाही तब की जा सकती है जब संभावित स्थान उस magistrate की local अधिकारिता के अन्दर हो या उसकी उसकी अधिकारिता के अन्दर का कोई व्यक्ति बाहर जाकर ऐसा कार्य करेगा.
इस धारा के तहत executive magistrate किसी व्यक्ति से अपेक्षा कर सकता है कि उससे 1 वर्ष की अवधि के लिए बंधपत्र क्यों ना निष्पादित किया जाये. यह अपेक्षा तब की जाएगी जब magistrate को यह सूचना मिलती है की वह व्यक्ति परिशान्ति भंग करेगा या ऐसी सम्भावना है कि उसके कार्य से ऐसा हो जायेगा.
इस धारा के अधीन कार्यवाही तब की जा सकती है जब संभावित स्थान उस magistrate की local अधिकारिता के अन्दर हो या उसकी उसकी अधिकारिता के अन्दर का कोई व्यक्ति बाहर जाकर ऐसा कार्य करेगा.