मंगलवार, 28 अगस्त 2018

लड़के के साथ Breakup के बाद क्या लड़के पर Rape का केस लगाया जा सकता है ?
हाई कोर्ट मुंबई। बॉम्बे High Court ने 21 Jan,2017 को एक केस में कहा है कि लड़की जब वयस्क और पढ़ी-लिखी हो, तो उसे शादी से पहले बनाए जाने वाले यौन संबंधों का अंजाम पता होना चाहिए इसलिए लड़की अब अपने पुरुष दोस्त के साथ breakup होने पर उस पर धारा 376 के तहत रेप का केस दर्ज नहीं करवा सकती.बलात्कार से जुड़े मामलों को लेकर अहम फैसला देते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि शादी करने का वादा, rape  के हर मामले में प्रलोभन के तौर पर नहीं देखा जा सकता। रेप के एक मामले में 21 साल के युवक को गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत देते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। युवक पर breakup के बाद उसकी पूर्व गर्लफ्रेंड ने rape का केस दर्ज कराया था और ये breakup के बाद हुआ था.

rape and breakup पर जज साहब की टिप्पणी :-
जस्टिस मृदुला भटकर ने कहा कि एक पढ़ी-लिखी लड़की जो अपनी मर्जी से शादी से पहले लड़के से संबंध बनाती है, उसे अपने फैसले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। जस्टिस भटकर ने कहा, ‘अगर कोई धोखा देकर लड़की की सहमति हासिल करे तो वहां प्रलोभन की बात समझ में आती है। प्रथम दृष्टया यह मानने के लिए कुछ सबूत तो होने चाहिए कि लड़की को इस हद तक झांसा दिया गया कि वह शारीरिक संबंध बनाने को राजी हो गई। इस तरह के मामलों में शादी का वादा प्रलोभन नहीं माना जा सकता।

rape and breakup  होना कोई बड़ी बात नही  :-  सुनवाई के दारौन जज ने कहा कि हालांकि समाज बदल रहा है, फिर भी उस पर नैतिकता हावी है। उन्होंने कहा, ‘कई पीढ़ियों से यह नैतिक तौर पर माना जाता है कि शादी के समय तक वरजिन रहने की जिम्मेदारी लड़की की है। हालांकि आजकल की युवा पीढ़ी के पास सेक्स से जुड़ी सारी जानकारी होती है और युवा कई तरह के लोगों से मिलते-जुलते हैं। समाज उदार होने की कोशिश कर रहा है पर जहां शादी से पहले सेक्स का सवाल आता है, समाज नैतिकता की बात करता नजर आता है। ऐसे हालात में, एक लड़की जो लड़के से प्यार करती है, वह भूल जाती है कि सेक्स करने में लड़के के साथ उसकी मर्जी भी शामिल थी। वह बाद में अपने फैसले की जिम्मेदारी लेने से बचती है |

कोर्ट ने ध्यान दिलाया कि संबंध खत्म होने के बाद रेप के आरोप लगाने का चलन आजकल काफी बढ़ रहा है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे में अदालत को एक निष्पक्ष नजरिये से दोनों पक्षों की बात सुननी पड़ती है जिसमें आरोपी के अधिकार भी शामिल हैं और पीड़ित का दर्द भी।

अदालत ने अपने पुराने आदेश का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि जब लड़की वयस्क और पढ़ी-लिखी हो तो उसे शादी से पहले बनाए जाने वाले यौन संबंधों का अंजाम पता होना चाहिए। ऐसे में rape and breakup की थ्योरी लेकर आरोप  लगाना गलत है

rape and breakup पर दी गई judgement का नाम यहा पर निम्नलिखित है :-

BOMBAY HIGH COURT

Before :- Mrs. Mridula Bhatkar, J.

Anticipatory Bail Application No. 2221 of 2016. D/d. 9.1.2017.

Akshay Manoj Jaisinghani – Applicant

Versus

State of Maharashtra – Respondent

For the Applicant :- Rajiv Patil, Sr. Advocate i/b R.S. Kate, Advocate.

For the Respondent-State :- Ms. N.S. Jain, APP.

IMPORTANT

An educated young girl consented to have pre-marital sex with accused on promise of marriage who backed out – Accused not guilty of rape – Promise to marry cannot said to be inducement in such a case.

Indian Penal Code, 1860 Section 376, 504and 506 – An educated young girl consented to have pre-marital sex with accused on promise of marriage – Accused not guilty of rape – Promise to marry cannot said to be inducement in such a case – ABA No. 27 of 2014 Relied.

ON FACTS

A young educated girl of 21 years having sexual intercourse with accused on promise to marry – The girl became pregnant – Accused refused to marry – No offence of rape made out – Held :-

When a woman is major and educated she is supposed to be fully aware of the consequences of having sexual intercourse with a man before marriage.
If an illiterate woman is given promise to marry and under that promise, her consent is obtained for sexual intercourse, then, it can be said that the consent is obtained by fraud – ABA No. 27 of 2014 Relied.