दहेज पर कानून
दहेज प्रतिशोध अधिनियम,1961
शादी से संबंधित जो भी उपहार दबाव या जबरदस्ती के कारण दूल्हे या दुल्हन को दिये जाते हैं, उसे दहेज कहते है। उपहार जो मांग कर लिया गया हो उसे भी दहेज कहते हैं।
दहेज प्रतिशोध अधिनियम,1961
शादी से संबंधित जो भी उपहार दबाव या जबरदस्ती के कारण दूल्हे या दुल्हन को दिये जाते हैं, उसे दहेज कहते है। उपहार जो मांग कर लिया गया हो उसे भी दहेज कहते हैं।
-दहेज लेना या देना या लेने देने में सहायता करना अपराध है। शादी हुई हो या नहीं इससे फर्क नहीं पड़ता है। इसकी सजा है पाँच साल तक की कैद, पन्द्रह हजार रूञ्.जुर्माना या अगर दहेज की रकम पन्द्रह हजार रूञ्पये से ज्यादा हो तो उस रकम के बराबर जुर्माना।
- दहेज मांगना अपराध है और इसकी सजा है कम से कम छःमहीनों की कैद या जुर्माना।
-दहेज का विज्ञापन देना भी एक अपराध है और इसकी सजा है कम से कम छः महीनों की कैद या पन्द्रह हजार रूञ्पये तक का जुर्माना।
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