आज हम बैंक में खातों के कितने प्रकार (types of accounts in bank) होते हैं, उसके विषय में चर्चा करेंगे.
बैंक के खाते चार प्रकार (four types) के होते हैं:-
- 1) चालू खाता – Current Account
- 2) बचत खाता- Savings Account
- 3) आवर्ती जमा खाता- Recurring Deposit Account
- 4) सावधि जमा खाता- Fixed Deposit Account
1. चालू खाता – Current Account
चालू खाता मुख्य रूप से उद्द्यमी, फर्म, कम्पनी आदि के लिए होता है. जिनके अकाउंट में पैसा का फ्लो बहुत होता है…बहुत से मतलब…कि लाखों रुपये उनके अकाउंट में आते हैं और निकाल भी लिए जाते हैं….तो ऐसे लोग चालू खाता में अपने पैसे रखते हैं. ऐसे अमीर लोगों या फर्म को इन्वेस्टमेंट या अपने पैसे में इंटरेस्ट (interest) मिलने में कोई इंटरेस्ट नहीं रहता. चालू खाता की खूबी यह है कि इसमें deposit (जमा करने) या withdrawal (पैसे निकालने) की कोई सीमा नहीं है. चालू खाते में धारक को इंटरेस्ट नहीं मिलता. हाँ, बैंक उनसे सर्विस चार्ज जरुर लेती है.
2. बचत खाता- Savings Account
नाम से ही स्पस्ट है कि सेविंग अकाउंट सेविंग करने के लिए बनी है. हम-आप जैसे लोग चाहते हैं कि हमें हमारे जमे पैसे पर सूद (interest) मिले और कम-से-कम अपने अकाउंट से पैसे निकाले. जितना जमा उतना अच्छा. कोई भी व्यक्ति, चाहे वो किसी कंपनी में काम करता हो, सरकारी नौकर हो, पेन्शनर हो, छात्र हो….वह सेविंग अकाउंट में अपना अकाउंट खोल सकता है. जैसा मैंने बताया कि सेविंग अकाउंट में धारक को जमे पैसे पर इंटरेस्ट भी मिलता है.
बचत खाता के धारक कभी भी अपने जमा धन को बैंक से निकाल सकते हैं और डाल सकते हैं. पैसे जमा करने की संख्या में restriction तो नहीं पर पैसे बाहर निकालने की संख्या में कुछ restrictions जरुर हैं. जैसे आप Rs. 50 से कम पैसे नहीं निकाल सकते या ATM से ६ महीने के अन्दर 30 से ज्यादा बार पैसे नहीं निकाल सकते (this policy changes time to time by banks). चालू खाते की तरह आप कभी भी, कहीं भी, जितना भी….पैसे नहीं निकाल सकते. अधिकांश बैंक अपने ग्राहक को अपने अकाउंट में न्यूनतम राशि बनाए रखने के लिए बाध्य करती है.
3. आवर्ती जमा खाता- Recurring Deposit Account
आवर्ती जमा खाता या Recurring Deposit Account या RD account में वे लोग खाता खोलते हैं जो एक निश्चित राशि नियमित रूप से जमा करना चाहते हैं जिससे कि उन्हें अधिक ऊँची दर पर सूद/ब्याज/इंटरेस्ट मिले. RD अकाउंट में एक ख़ास राशि एक तय अवधि के लिए हर महीने जमा की जाती है और तय की गयी अवधि के समाप्त हो जाने पर सूद के साथ कुल राशि का भुगतान कर दिया जाता है. जमा करने की न्यूनतम अवधि 1 साल और अधिकतम 10 साल की होती है.
सूद की दर जमा पैसे और जमा की अवधि के हिसाब से अलग-अलग प्लान में अलग-अलग होती है. जैसे आप 10 हज़ार हर महीने जमा कर रहे हैं, तो आपको ज्यादा इंटरेस्ट मिलेगा….किसकी तुलना में? जो केवल 4 हज़ार हर महीने जमा कर रहा है उसे कम इंटरेस्ट मिलेगा. वहीं आप अधिक अवधि के लिए पैसे जमा करने वाले हैं तो आपको अधिक इंटरेस्ट मिलेगा और कम अवधि के लिए कम इंटरेस्ट. RD अकाउंट में समय से पहले निकासी (पैसा निकालने) की सुविधा नहीं है. वैसे, बैंक चाहे तो maturity (खाता की अवधि पूरा होने) के पहले उसे बंद करने की अनुमति दे सकता है. आवर्ती जमा खाता में single या joint account खोला जा सकता है.
4. सावधि जमा खाता- Fixed Deposit Account
सावधि जमा खाता या FD account में एक ख़ास अवधि के लिए एक विशेष राशि रखी जाती है. यहाँ एक बार ही पैसा जमा कर सकते हैं और एक बार ही निकाल सकते हैं. RD अकाउंट की ही तरह इस खाते से भी आप समय से पहले पैसे नहीं निकाल सकते. तय की गई अवधि के पहले पैसे निकालने से आपको बैंक को penalty देनी पड़ती है (हर बैंक द्वारा तय की गयी penalty amount अलग-अलग होती है) और अकाउंट को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाता है. फिक्स्ड डिपाजिट में उपभोक्ता को हाई इंटरेस्ट रेट दिया जाता है. इंटरेस्ट रेट जमा पैसे (deposited money) और जमा की अवधि (deposit period) के आधार पर तय की जाती है जो अधिकतम 10 साल तक लिए होती है.
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