शनिवार, 18 अगस्त 2018

आईपीसी की धारा 347 - सम्पत्ति की जबरन वसूली या अवैध कार्य करने के लिए मजबूर करने के लिए मजबूर करना

आईपीसी की धारा 347 - सम्पत्ति की जबरन वसूली करने के लिए या अवैध कार्य करने के लिए मजबूर करने के लिए सदोष परिरोध।

जो कोई किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध इस प्रयोजन से करेगा कि उस परिरुद्ध व्यक्ति से, या उससे हितबद्ध किसी व्यक्ति से, कोई सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति की जबरन वसूली की जाए, अथवा उस परिरुद्ध व्यक्ति को या उससे हितबद्ध किसी व्यक्ति को कोई ऐसा अवैध कार्य करने, या कोई ऐसी जानकारी देने जिससे अपराध का किया जाना सुगम हो जाए, के लिए मजबूर किया जाए, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

लागू अपराध : सम्पत्ति की जबरन वसूली करने के लिए या अवैध कार्य करने के लिए मजबूर करने के लिए सदोष परिरोध।

सजा - ipc 347 में 3 वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड का प्रावधान है ।

हालांकि यह एक जमानती और संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है। मगर यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
Previous Post
Next Post

post written by:

0 टिप्पणियाँ: