सवाल : बेनामी प्रॉपर्टी क्या होती है ? बेनामी प्रॉपर्टी रखने पर सजा हो सकती है और इसमें कितना जुर्माना लग सकता है ?
जबाव : बेनामी प्रॉपर्टी का सीधा मतलब होता है “बिना किसी के नाम की”। मतलब अगर कोई व्यक्ति किसी प्रॉपर्टी को अपने नाम से न खरीदकर किसी और के नाम से खरीदता है, लेकिन उस प्रॉपर्टी से होने वाले लाभ को स्वयं हासिल करता है , तो ऐसे लेनदेन को बेनामी लेनदेन माना जाता है । जिस व्यक्ति के नाम से ये बेनामी प्रॉपर्टी खरीदी जाती है वह व्यक्ति बेनामदार कहलाता है।
ऐसा लेनदेन भी बेनामी लेनदेन माना जायेगा जिसमे एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को धन देकर उससे कोई प्रॉपर्टी खरीदवाता है और उस प्रॉपर्टी से होने वाले लाभ को स्वयं ही लेता है ,प्रॉपर्टी से होने वाला लाभ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी रूप में हो सकता है ।
बेनामी संपत्ति में कौन कौन सी चीजें शामिल हैं ?
दरअसल ज्यादातर लोग बेनामी संपत्ति शब्द सुनकर इसका अभिप्राय सिर्फ रियल स्टेट से जुड़े लेनदेन को समझ बैठते हैं मगर बेनामी संपत्ति सिर्फ रियल स्टेट में की गयी खरीददारी ही नहीं है बल्कि अगर अपने कोई शेयर भी किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से खरीदे हैं तो वो भी बेनामी संपत्ति कहलायेंगे, बेनामी संपत्ति के अंतर्गत चल ,अचल ,touchable, untouchable,कोई हित या अधिकार यहाँ तक की कोई लीगल दस्तावेज़ भी शामिल है ।
क्या अपनी पत्नी के नाम पर या अपने बच्चों के नाम पर खरीदी गयी संपत्ति भी बेनामी संपत्ति कहलाएगी ?
हाँ , अगर आपने अपनी पत्नि या अपने बच्चों के नाम पर कोई प्रॉपर्टी खरीदी है मगर उसे इनकम टैक्स return में नहीं दिखाया है तो ऐसी संपत्ति भी बेनामी संपत्ति के दायरे में आएगी ।
सजा और जुर्माना : बेनामी संपत्ति रखने वालों के लिए सरकार ने सजा और जुर्माना दोनों का कानून बनाया है।
इसमें सजा कम से कम 1 साल या फिर अधिकतम 7 साल हो सकती है ।
इसमें जुर्माना प्रॉपर्टी के फेयर मार्केट वैल्यू का 25 प्रतिशत लगाया जायेगा