आईपीसी की धारा 354B क्या है :- कुछ भी जानने से पहले यह जान ले कि यह धारा गैर-जमानती है अर्थात इस अपराध का मामला दर्ज होने पर जमानत अदालत ले लेनी होगी दूसरा, अगर आरोप सिद्ध हो गया तो कम से कम तीन वर्ष का कारावास है जो सात वर्ष तक हो सकता है।
जिस अपराध को यह धारा दंडित करती है वह एक सभ्य समाज में कुकर्म या बुरा कार्य कहलाता है। किसी पुरुष द्वारा अपराध-बोध रखते हुए बल पूर्वक या हमले द्वारा किसी स्त्री को नग्न करना या नग्न होने के लिए विवश करना उस पुरुष की दूषित मानसिकता को दर्शाता है और इस कुकर्म के लिए उसको सजा मिलनी ही चाहिए। भारत जहां नारी को देवी के रूप में पूजा जाता है वहां कोई भी पुरुष जो सभ्य है वो स्त्री का सम्मान करेगा अगर कोई द्धवेष भी है तो बातचीत द्वारा उसका हल निकलना चाहेगा वह कभी भी इस तरह का वहशी और कायरता पूर्ण कार्य अपनी वासना या किसी आपराधिक उद्देश्य की प्राप्ति के लिए नहीं करेगा।
कई बार प्रश्न उठता है कि
- क्या आईपीसी की धारा 354B का गलत प्रयोग हो रहा है ?
सम्भव है, सामाज में अच्छी और बुरी प्रवृति के लोग होते है और उन लोगों में बुरे पुरुष भी हो सकते है और महिलाएं भी और सम्भव है कि कोई भी महिला अपने निजी स्वार्थ के लिए किसी पुरुष पर यह आरोप लगा सकती है पर यहाँ समझने वाली बात यह है कि इस अपराध को घटने के लिए पुरुष का महिला के पास होना जरुरी है। अगर पुरुष महिला के पास नहीं था तो यह बात तहकीकात में सामने आ ही जाएगी।
इसलिए अगर किसी पुरुष का किसी महिला से विवाद है तो वह अपने विवेक का प्रयोग करते हुए निर्णेय ले कि उसे उस महिला के साथ जब भी मिलना हैं तो सार्वजनिक स्थान में भीड़ भाड़ वाली जगह में मिले और निश्चित दुरी बनाएं रखे।
- क्या इस धारा का प्रयोग सिर्फ महिलाएं ही कर सकती है ?
जी हाँ, इस धारा में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि यदि "कोई पुरुष, जो किसी स्त्री को विवस्त्र करने या निर्वस्त्र होने के लिए विवश करता है" हाँ, अगर इस अपराध को कराने में किसी महिला ने किसी पुरुष को उकसाया है तो इस अपराध में उस महिला पर धारा सुनिश्चित करके मामला दर्ज किया जा सकता है यह उस समय की परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
Indian Penal Code Section 354B
Assault or use of criminal force to woman with intent to disrobe [1]--
Any man who assaults or uses criminal force to any woman or abets such act with the intention of disrobing or compelling her to be naked, shall be punished with imprisonment of either description for a term which shall not be less than three years but which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.
जिस अपराध को यह धारा दंडित करती है वह एक सभ्य समाज में कुकर्म या बुरा कार्य कहलाता है। किसी पुरुष द्वारा अपराध-बोध रखते हुए बल पूर्वक या हमले द्वारा किसी स्त्री को नग्न करना या नग्न होने के लिए विवश करना उस पुरुष की दूषित मानसिकता को दर्शाता है और इस कुकर्म के लिए उसको सजा मिलनी ही चाहिए। भारत जहां नारी को देवी के रूप में पूजा जाता है वहां कोई भी पुरुष जो सभ्य है वो स्त्री का सम्मान करेगा अगर कोई द्धवेष भी है तो बातचीत द्वारा उसका हल निकलना चाहेगा वह कभी भी इस तरह का वहशी और कायरता पूर्ण कार्य अपनी वासना या किसी आपराधिक उद्देश्य की प्राप्ति के लिए नहीं करेगा।
कई बार प्रश्न उठता है कि
- क्या आईपीसी की धारा 354B का गलत प्रयोग हो रहा है ?
सम्भव है, सामाज में अच्छी और बुरी प्रवृति के लोग होते है और उन लोगों में बुरे पुरुष भी हो सकते है और महिलाएं भी और सम्भव है कि कोई भी महिला अपने निजी स्वार्थ के लिए किसी पुरुष पर यह आरोप लगा सकती है पर यहाँ समझने वाली बात यह है कि इस अपराध को घटने के लिए पुरुष का महिला के पास होना जरुरी है। अगर पुरुष महिला के पास नहीं था तो यह बात तहकीकात में सामने आ ही जाएगी।
इसलिए अगर किसी पुरुष का किसी महिला से विवाद है तो वह अपने विवेक का प्रयोग करते हुए निर्णेय ले कि उसे उस महिला के साथ जब भी मिलना हैं तो सार्वजनिक स्थान में भीड़ भाड़ वाली जगह में मिले और निश्चित दुरी बनाएं रखे।
- क्या इस धारा का प्रयोग सिर्फ महिलाएं ही कर सकती है ?
जी हाँ, इस धारा में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि यदि "कोई पुरुष, जो किसी स्त्री को विवस्त्र करने या निर्वस्त्र होने के लिए विवश करता है" हाँ, अगर इस अपराध को कराने में किसी महिला ने किसी पुरुष को उकसाया है तो इस अपराध में उस महिला पर धारा सुनिश्चित करके मामला दर्ज किया जा सकता है यह उस समय की परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
Indian Penal Code Section 354B
Assault or use of criminal force to woman with intent to disrobe [1]--
Any man who assaults or uses criminal force to any woman or abets such act with the intention of disrobing or compelling her to be naked, shall be punished with imprisonment of either description for a term which shall not be less than three years but which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.