आइये आज जानते है कि संविधान में हमारे मूल कर्तव्यों के बारे में.......
Fundamental duties( मूल कर्तव्य) मूलतः संविधान में नहीं थे इन्हें 42 वे संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया था (स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर) सन 1976 में जो की सन 1977 से लागू हुए। हमारे संविधान में 11 मूल कर्तब्य है जो की निम्नलिखित है........
अनुच्छेद 51A के अनुसार भारत के प्रतेयक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह
हालांकि इन मूल कर्तव्यों को न्यायालय के माध्यम से लागू नहीं कराया जा सकता फिर भी हमे इनका पालन करना चाहिए और ये देश की तरक्की के लिए आवयशक है।
अभी हाल ही में माननीय उच्चतम न्यायालय ने अपने एक निर्णय में ये आदेश दिया ह की देश के सभी सिनेमाघरो में राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया है। सम्भवतः ये मूल कर्तव्य का न्यायालय के माध्यम से लागू किया जाना है जो अपने आप में ऐतिहासिक है।
Fundamental duties( मूल कर्तव्य) मूलतः संविधान में नहीं थे इन्हें 42 वे संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया था (स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर) सन 1976 में जो की सन 1977 से लागू हुए। हमारे संविधान में 11 मूल कर्तब्य है जो की निम्नलिखित है........
अनुच्छेद 51A के अनुसार भारत के प्रतेयक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह
- संविधान का पालन करे और उसके आदर्शो, संस्थाओ, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे
- स्वन्त्रता प्राप्त करने वाले राष्ट्रीय आंदोलन के उच्च आदर्शो को ह्रदय में संजोये रखे और उनका पालन करे
- भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे बनाये रखे
- देश की रक्षा करे और आह्वान किये जाने पर राष्ट्र की सेवा करे
- भारत के सभी लोगो में समरसता और सामान भाईचारे की भावना का निर्माण करे जो सभी तरह के भेद भाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध है
- हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे
- प्राकृतिक पर्यावरण (वन , झील, नदी, और वन्य जीव) की रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखे
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण , मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे
- सावर्जनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे
- व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्र में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नयी उचाईयो को छू ले
- 6 वर्ष की आयु से 14 वर्ष की आयु के बच्चो के माता पिता और संरक्षक उन्हें शिक्षा के अवसर प्रदान करे।
हालांकि इन मूल कर्तव्यों को न्यायालय के माध्यम से लागू नहीं कराया जा सकता फिर भी हमे इनका पालन करना चाहिए और ये देश की तरक्की के लिए आवयशक है।
अभी हाल ही में माननीय उच्चतम न्यायालय ने अपने एक निर्णय में ये आदेश दिया ह की देश के सभी सिनेमाघरो में राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया है। सम्भवतः ये मूल कर्तव्य का न्यायालय के माध्यम से लागू किया जाना है जो अपने आप में ऐतिहासिक है।