आईपीसी की धारा 211 क्या है ?
भारतीय दंड संहिता की धारा 211 के अनुसार
क्षति करने के आशय से अपराध का झूठा आरोप - -जो कोई किसी व्यकति को यह जानते हुए की उस व्यक्ति के विरुद्ध ऐसे करवाई या आरोप के लिए कोई न्यायसंगत या विधिपूर्ण आधार नहीं है ,क्षति कारीत करने के आशय से उस व्यकति के विरुद्ध कोई दाण्डिक कारवाही संस्थित करेगा या करवाएगा या उस व्यक्ति पर मिथ्या आरोप लगाएगा कि उस ने अपराध किया है तो वह दोनों में से किसी भी प्रकार की कारावास जिस अवधि 2 वर्ष तक हो सकेंगे या जुर्माने या दोनों से दंडनीय होगा
तथा ऐसी दाण्डिक कारवाही मृत्य ( आजीवन कारावास ) या सात वर्ष या उस से अधिक के कारावास के दंडनीय अपराध के मिथ्या आरोपों पर संस्थित की जाये तो वह दोनों में से किसी भी प्रकार की कारावास जिस अवधि 7 वर्ष तक हो सकेगी और जुर्माने से भी दंडनीय होगा
भारतीय दंड संहिता की धारा 211 के अनुसार
क्षति करने के आशय से अपराध का झूठा आरोप - -जो कोई किसी व्यकति को यह जानते हुए की उस व्यक्ति के विरुद्ध ऐसे करवाई या आरोप के लिए कोई न्यायसंगत या विधिपूर्ण आधार नहीं है ,क्षति कारीत करने के आशय से उस व्यकति के विरुद्ध कोई दाण्डिक कारवाही संस्थित करेगा या करवाएगा या उस व्यक्ति पर मिथ्या आरोप लगाएगा कि उस ने अपराध किया है तो वह दोनों में से किसी भी प्रकार की कारावास जिस अवधि 2 वर्ष तक हो सकेंगे या जुर्माने या दोनों से दंडनीय होगा
तथा ऐसी दाण्डिक कारवाही मृत्य ( आजीवन कारावास ) या सात वर्ष या उस से अधिक के कारावास के दंडनीय अपराध के मिथ्या आरोपों पर संस्थित की जाये तो वह दोनों में से किसी भी प्रकार की कारावास जिस अवधि 7 वर्ष तक हो सकेगी और जुर्माने से भी दंडनीय होगा
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