शुक्रवार, 17 अगस्त 2018

हत्या की कोशिस करने वाले पर कौनसी धारा लागू होती है?

1. हत्या की कोशिस करने वाले पर कौनसी धारा लागू होती है?

Answer: IPC की धारा 307

2. आईपीसी की 307 क्या है?

Answer: जब कोई इंसान किसी दूसरे इंसान की हत्या की कोशिश करता है. और वह हत्या करने में नाकाम रहता है. तो ऐसा अपराध करने वाले को धारा 307 आईपीसी की धारा 307 के तहत सजा दिए जाने का प्रावधान है. आसान लफ्जों में कहें तो अगर कोई किसी की हत्या की कोशिश करता है, लेकिन जिस शख्स पर हमला हुआ है, उसकी जान नहीं जाती तो इस तरह के मामले में हमला करने वाले शख्स पर धारा 307 के अधीन मुकदमा चलता है.

3. आईपीसी की धारा 307 में सजा क्या होती है?

Answer: हत्या की कोशिश करने वाले आरोपी को आईपीसी की धारा 307 में दोषी पाए जाने पर कठोर सजा का प्रावधान है. आम तौर पर ऐसे मामलों में दोषी को 10 साल तक की सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं. जिस आदमी की हत्या की कोशिश की गई है अगर उसे गंभीर चोट लगती है, तो दोषी को उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.

4. क्या है भारतीय दंड संहिता?

Answer: भारतीय दण्ड संहिता यानी Indian Penal Code, IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ अपराधों की परिभाषा औ दण्ड का प्राविधान करती है. लेकिन यह जम्मू एवं कश्मीर और भारत की सेना पर लागू नहीं होती है. जम्मू एवं कश्मीर में इसके स्थान पर रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती है.

5. आईपीसी की धारा 307 में कितने साल की सजा होती है ?

Answer: 10 साल तक की सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं. जिस आदमी की हत्या की कोशिश की गई है अगर उसे गंभीर चोट लगती है, तो दोषी को उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.

आईपीसी की धारा 307 के मुख्य बिंदु – कुछ चीजे जो आपको पता होने चाहिए

  • अगर व्यक्ति किसी की हत्या करने का दोषी पाया जाता है तो उसे दस वर्ष की कैद और जुर्माना या दोनों हो सकते है | साथ ही धारा 307 के तहत यह अपराध गैर जमानती और संज्ञेय अपराध है |
  • अगर हत्या करने के प्रयास के दौरान पीड़ित को इस से चोट लगती है तो दस वर्ष की सजा को अधिकतम उम्रकैद तक बढाया जा सकता है साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है | यह भी जमानती अपराध नहीं है |
  • अगर अपराधी जिसे आजीवन कारावास की सजा हुई है उसके द्वारा हत्या के प्रयास में किसी को चोट पंहुचती है तो भी आर्थिक दंड के साथ साथ आजीवन कैद के अलावा मृत्युदंड का भी प्रावधान है | यह अपराध समझौते के योग्य नहीं है |
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