अग्रिम जमानत या एंटीसिपेट्री जमानत : न्यायालय का वह आदेश होता है जिसमें किसी भी व्यक्ति को किसी अपराध के मामले में गिरफ्तार करने से पहले ही जमानत मिल जाती हैं. किसी भी तरह के गैरजमानती अपराध में अभियुक्त को यदि गिरफ्तार होने की आशंका हो तो वह गिरफ्तार होने से पहले ही जमानत के लिए अर्जी दे सकता है. और कोर्ट सुनवाई के बाद एंटीसिपेट्री बेल दे देती है यह जमानत पुलिस की जांच होने तक जारी रहती है. और एंटीसिपेट्री की बेल आईपीसी धारा 438 के अंतर्गत आती है.
अग्रिम जमानत का आवेदन करने पर शिकायत कर्ता को भी कोर्ट इस प्रकार की जमानत की अर्जी के बारे में सूचना देती है ताकि वह चाहे तो न्यायालय में इस अग्रिम जमानत का विरोध कर सके ।
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