मंगलवार, 28 अगस्त 2018

'0' जीरो FIR क्या होती है ? जानिए विस्तार से

'0' जीरो FIR क्या होती है ?

जीरो FIR क्या है :- जब पुलिस किसी ऐसे अपराध की घटना को दर्ज करती है जो की उसके क्षेत्र अधिकार से बाहर है तथा उस FIR को सही क्षेत्र अधिकार वाले पुलिस स्टेशन में भेजा जाना है तो वे बिना नंबर की FIR दर्ज करते है जिसे जीरो FIR कहते है इस FIR को सही जांच करके तथ्यों को सत्य पाने पर या फिर सत्य होने के संदेह पर भी, सही क्षेत्र अधिकार वाले पुलिस स्टेशन में भेजा जाता है जहाँ पर इस FIR को साधारण FIR की तरह ही एक नंबर मिलता है और इस पर एक साधारण FIR की तरह ही क़ानूनी कार्यवाही होती है।

अगर आपको घटना स्थल का पता है लेकिन वहाँ जा नही सकते तो जीरो FIR कैसे लिखवाये :- उदाहरण के लिए अगर आप की बेटी किसी दूसरे शहर में रह रही है और रात को आपके पास आपकी बेटी का फ़ोन आता है कि उसके पति उसे मार-पीट रहे है और बाद में फोन बंद हो जाता है जैसे की किसी ने उसे बंद कर दिया हो या फिर तोड़ दिया हो और आपके पास कोई भी साधन नही है कि आप जाने की आपकी बेटी कैसी है और ऐसे में आपका घटना स्थल पर पहुचना भी मुश्किल या नामुमकिन हो तो आप अपने नजदीक के पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत दर्ज करवा सकते है ऐसे में पुलिस आपकी FIR बिना नम्बर के जीरो FIR दर्ज करके उसे सही पुलिस स्टेशन में भेज देगी तथा उस पुलिस स्टेशन में क़ानूनी कार्यवाही करने के लिए उसी समय आग्रह भी करेगी जो की उस पुलिस स्टेशन के अधिकारी को मनाना होगा।

अगर शिकायतकर्ता को जान का डर हो या फिर वह घटना स्थल से दूर चली गई है तो जीरो FIR कैसे करवाये :- उदाहरण  के लिए किसी लडकी का रेप हुआ हो और वो उस घटना स्थल या फिर उस क्षेत्र अधिकार वाले पुलिस स्टेशन से भाग कर दूर आ गई हो |  ये सोच कर कि अगर वह वहां पर FIR के लिए पुलिस स्टेशन गई तो अपराधी अपना प्रभाव दिखा कर उसे ही फँसवा देगा | तो वो और किसी दूर सुरक्षित राज्य या क्षेत्र में जाकर ये घटना पुलिस को बताती है तो पुलिसअधिकारी ऐसे में उस शिकायत पर जीरो FIR दर्ज करके उसे अपराधिक  घटना वाले पुलिस स्टेशन के क्षेत्र अधिकार वाले एरिया में भेज देंगे | जहाँ पर उस पर क़ानूनी कार्यवाही होगी | ऐसा ही आशा राम बापू के केस में भी हुआ था शिकायतकर्ता का रेप जोधपुर में हुआ था वो भी कई साल पहले लेकिन, उसने दिल्ली में आकर अपनी जीरो FIR दर्ज करवाई थी जिसे जाँच के बाद जोधपुर भेज दिया गया था और वही पर आशा राम बापू के खिलाफ केस चल रहा है।

जीरो FIR कहाँ पर दर्ज करवा सकते है :-  आप जीरो FIR पूरे भारत में कही पर भी लिखवा सकते हो जैसे की घटना अगर  हिमाचल प्रदेश  की है तो आप कन्याकुमारी में भी इसकी जीरो FIR करवा सकते हो | तथा बाद में ये हिमाचल प्रदेश के सही क्षेत्र अधिकार वाले पुलिस स्टेशन में भेज दी जाएगी |

जीरो FIR में जाँच कैसे होती है :- जीरो FIR में पुलिस अपने स्टेशन में बिना नम्बर की जीरो FIR को दर्ज करके उस की सत्यता की जाँच करता है अगर वे तथ्य सही व सत्य पाए जाते है या फिर आशंका हो की घटना स्थल पर जाँच करके की सही तथ्यों का पता चल सकता है तो पुलिस अधिकारी घटना स्थल का पता करके की वो किस पुलिस स्टेशन के क्षेत्र अधिकार में हुई है वहा  पर जीरो FIR को भेज देता है | फिर उसी पुलिस स्टेशन में केस चलता है था दोषी पर क़ानूनी कार्यवाही होती है |

जीरो FIR में बहुत सारे जाँच क्षेत्र अधिकारों का होना :- अगर कोई केस ऐसा है जिसमे की बहुत सारे जाँच के क्षेत्र है तो ऐसे में भी पुलिस अधिकारी किसी भी पुलिस स्टेशन में जहा की अपराध शुरू हुआ था या फिर खत्म हुआ था या फिर लगातार चलता रहा था | इन में से किसी भी पुलिस स्टेशन में जीरो FIR को भेज सकता है | जैसे किसी व्यक्ति को एक जगह से किडनेप करके कई जगहों पर लेके जाया गया हो और अंत में किसी नई जगह पर पर मार दिया जाये तो इन मे से किसी भी जगह पर FIR दर्ज की जा सकती है या फिर जीरो FIR भेजी जा सकती है | लेकिन ज्यादातर जीरो FIR को वहा पर भेजा जाता है जहा पर अपराध होना शुरू हुआ हो या फिर अपराध की घटना का अंत हुआ हो |

जाँच क्षेत्र न होने के बवजूद भी जीरो FIR दर्ज होना :- अगर आपको किसी अपराध की सुचना मिली है लेकिन उसके घटना स्थल का नही पता है या फिर रात होने के कारण या फिर ज्यादा डरने के कारण आप को घटना स्थल याद नही है या फिर आप उस जगह से अनजान है या फिर आप भूल गए है ऐसे में भी आप जीरो FIR दर्ज करवा सकते है | इसके अलावा उधाहरण के लिए अगर आप किसी अनजान जगह पर घुमने गए हो और वहा आपको कोई किडनेप कर ले और आखो पर पट्टी बांध कर किसी दूसरी जगह पर छोड़ दे, तो और आप डर के कारण सीधे अपने घर चाहे वो दुसरे राज्य में ही क्यों न हो आकर भी अपने नजदीक के पुलिस स्टेशन में जीरो FIR दर्ज करवा सकते हो | तथा क़ानूनी कार्यवाही की मांग कर सकते है |

क्या शिकायतकर्ता को जीरो FIR का कोई फायदा मिलता है :- जी हा शिकायतकर्ता को जीरो FIR का फायदा मिलता है इससे ये साबित होता की अगर जीरो FIR करवाने वाला विक्टिम यानि की मेन शिकायतकर्ता नही है तो भी ऐसा माना  जाता है की अपराध हुआ है और ऐसे में विक्टिम की अनुपस्तिथि (गायब होना, मिरतु या फिर कोमा में जाने की स्तिथि ) में भी दोषी के खिलाफ कार्यवाही होती है तथा शिकायतकर्ता को ही मेन विटनेस मान कर कार्यवाही की जाती है

क्या शिकायतकर्ता को जीरो FIR का कोई फायदा मिलता है :-


  • जी हा शिकायतकर्ता को जीरो FIR का फायदा मिलता है इससे ये साबित होता की अगर जीरो FIR करवाने वाला विक्टिम यानि की मेन शिकायतकर्ता नही है तो भी ऐसा माना जाता है की अपराध हुआ है और ऐसे में विक्टिम की अनुपस्तिथि (गायब होना, मिरतु या फिर कोमा में जाने की स्तिथि ) में भी दोषी के खिलाफ कार्यवाही होती है तथा शिकायतकर्ता को ही मेन विटनेस मान कर कार्यवाही की जाती है |
  • अगर दोषी व्यक्ति ज्यादा प्रभावशाली है और उसका पुलिस पर दबाव है तो आप कही दूर दुसरे क्षेत्र में जाकर उसके फिलाफ़ FIR करवा सकते है |
  • अगर आपके किसी रिश्तेदार या निजी को कोई परेशानी है और वो आपसे बहुत दूर तो आप उस तक पुलिस सहायता पहुचा सकते हो
  • अगर आपने घटना स्थल छोड़ दिया है तो भी दूर रह कर आप दोषी के खिलाफ कार्यवाही कर सकते हो |
  • किसी दुसरे व्यक्ति के साथ कुछ गलत हुआ है इसकी पुलिस शिकायत कर के आप किसी दुसरे को इंसाफ भी दिला सकते हो अगर दुसरे रूप से देखे तो ये रिट का ही एक रूप है |

जीरो FIR अगर पुलिस दर्ज नही करे तो क्या करे :- अगर कोई भी पुलिस अधिकारी जीरो FIR दर्ज करने से मन करता है तो उस के खिलाफ विभागीय कारवाही होती है तथा कोर्ट में केस डालने पर भी क़ानूनी कार्यवाही होती है |
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1 टिप्पणी:

  1. इस लेख को बनाने के लिए धन्यवाद, इससे हमें बहुत कुछ सीखा है। यह जानकारीपूर्ण और ज्ञानवर्धक है। इस बीच, यदि आप सर्वोत्तम भारत के 15 अजीब कानून के बारे में जानने चाहते है तो यहां जाएं। धन्यवाद और आप पर भगवान की कृपा हो!

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