मंगलवार, 28 अगस्त 2018

पत्नी अगर आत्महत्या करने की धमकी दे या झूठी आत्महत्या करने की कोशिस करे तो जानिए क्या करें ?

जैसा कि आप लोग जानते हैं कि आजकल पति पत्नी में झगड़े बढ़ रहे हैं ,ऐसे में पत्नी सबसे पहले पति को झूठे केस में फंसाने की वह आत्महत्या करने की या फिर  कुछ खा कर मर जाने की या अपने पति, के खिलाफ लिख कर चले जाने की धमकी देती है | झगड़े में पत्नी मरनेकी कोशिश भी करती है या फिर ऐसा दिखावा भी करती है जिससे लगे की वो सच में मर जाएगी, लाजमी है कि पति ऐसे में डर जाता है तथा उसके पास सुझाव भी नहीं होता कि ऐसे में क्या किया जाए, क्या नहीं किया जाए | आइए जानते हैं ऐसी स्थिति कानून क्या कहता है और पति को अपने बचाव मव क्या करना चाहिए

आत्महत्या का प्रयत्न करना भी है अपराध :-

गिरफ्तारी के नियम व अधिकार

जी हा, अगर आप, स्वय को जान से मारने की कोशिश करते है तो ये भी धारा 309 IPC के अंतर्गत एक अपराध है | जिसमे एक वर्ष तक की सजा हो सकती है या सिर्फ जुरमाना भी हो सकता है अच्छी तरह समझाने के लिए इस धारा का हिंदी रूपान्तर निचे दिया है :-

धारा 309. आत्महत्या करने का प्रयत्न – जो कोई आत्महत्या करने का प्रयत्न करेगा, और उस अपराध के करने के लिए कोई कार्य करेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जायेगा |

झूठे केस में फसाने की धमकी देना भी है अपराध :- ये तो आप लोग जानते ही हो की, किसी को, मारने की धमकी देना अपराध है | लेकिन इसके साथ ही किसी को झूठे केस में फसाने की धमकी देना भी IPC की धारा 506 के अनुसार अपराध है इसके लिए 2 साल तक की सजा हो सकती है या व्यक्ति सिर्फ जुर्माने से भी दण्डित हो सकता है | इस धारा का हिंदी रूपान्तर निचे दिया है इस धारा का दूसरा भाग अन्य अपराधो से सम्बन्धित है यह पर पूरी धारा का हिंदी रूपांतरण है :-

धारा 506. आपराधिक अभित्रास के लिए दंड – जो कोई आपराधिक अभित्रास का अपराध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जायेगा |

यदि धमकी मुर्तु या घोर उपहति इत्यादि करने करीत करने की हो – तथा यदि धमकी मुर्तु या घोर उपहति कारित करने की, या अग्नि द्वारा किसी सम्पति का नाश कारित करने की या मिर्तु दंड से या आजीवन कारावास से, या सात वर्ष की अवधि तक के कारावास से दंडनीय अपराध कारित करने की, या किसी स्त्री पर अस्तित्व का लांछन लगाने की हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, पर जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जायेगा |

आपकी पत्नी अगर आत्महत्या करने की धमकी दे या झूठी आत्महत्या करने की कोशिस करे या फिर झूठे केस में फंसाने की कोशिस करे तो ये काम करें ?


  • रिकॉर्डिंग :-  सबसे पहले अगर पत्नी ऐसी कोई हरकत करती है जैसे कि कोई धमकी देती है या झूठा आत्महत्या का प्रयत्न का कोई कार्य करती है तो आप उसकी ऑडियो या विडियो जैसे भी हो रिकॉर्डिंग करें तथा सबूत के तौर पर सम्भाल कर रखे |
  • गवाह :- ऐसी स्तिथि में पति को चाहिए की वो अपने आस पास के लोगो को जो की उसके प्यारे हो, उन्हें बुला ले तथा पत्नी की इस हरकत को दिखाए | इससे ये लाभ है की अगर पुलिस आती है तो वो आपके फेवर में बोल सकते है तथा कल को कोई मीटिंग पत्नी के परिवार के साथ भी होती है तो ये लोग उस में भी आपके फेवर में बोल सकते है | लेकिन सबसे ज्यादा लाभ ये है की अगर कल को आपकी पत्नी आपके खिलाफ कोर्ट में केस करती है तो आप इन लोगो को गवाह के रूप में पेश कर के केस जीत सकते है |
  • 100 नंबर की पुलिस कॉल :- आदमी सोचता है कि मेरी अगर पुलिस में पत्नी के खिलाफ आत्महत्या का प्रयत्न या धमकी की शिकायत करूंगा तो मेरी ग्रहस्ती खराब हो जाएगी या फिर मेरी तो सिर्फ एक ही शिकायत होगी मेरी पत्नी तो चिड कर मुझ पर दहेज का झूठा केस बनवा देगी | लेकिन ये आपकी गलत सोच है ऐसे में आपको इस तरह से बन कर शिकायत करनी चाहिए जैसे की आप अपनी पत्नी की जान बचाना चाह रहे हो | अपनी पत्नी को बिलकुल भी शक ना होने दे की आप, अपने बचाव में सबूत पैदा कर रहे हो | पुलिस में 100 नंबर की काल का लाभ ये है की पुलिस के रोजनामचे में हमेशा के लिए आपकी पत्नी की आत्महत्या का प्रयत्न करने धमकी देने या आत्महत्या का प्रयत्न करने की शिकायत दर्ज हो जाती है जिसकी प्रति आप RTI के द्वारा कभी भी ले सकते है ये एक बहुत बड़ा सबूत होता है जो की कल को केस होने पर आपके काम आता है
  • पुलिस में लिखित शिकायत :- ऐसा भी हो सकता है की आप पुलिस को 100 नंबर की कॉल से बुला नही सकते हो या ऐसे हालात नही बने, या फिर आप बुला ले तो, आपको उन्हें ये लिख कर वापस लोटा दे की कुछ नही हुआ है और में अपनी शिकायत वापस ले रहा हु | लेकिन इन हालात के बाद भी आप पुलिस को चुप-चाप लिखित में शिकायत दे कर आये इसमें अपनी पत्नी का मोबाइल नंबर नही लिखे त्ताकी वे उससे सीधे सम्पर्क नही करे तथा बाद में पुलिस को कारवाही के लिए बिना कुछ लिखे, मोखिक रूप से ही मना भी कर सकते है |

ऊपर बताये गये तरीकों द्वारा की गई कार्यवाही का लाभ :- वैसे आप लोग सोच रहे होंगे, की अगर हम गम्भीर होकर अपनी पत्नी की आत्महत्या का प्रयत्न शिकायत पुलिस में करते है तो भी कौन-सा पुलिस हमारी FIR रजिस्टर कर लेती है | आप बिलकुल सही है, आप कितनी भी अच्छी शिकायत बना कर पुलिस को दे | साधारणत: पुलिस आपकी पत्नी के खिलाफ FIR लिखेगी ही नही | ऐसे में सवाल ये उठता है की इस शिकायत का फायदा क्या है :-

अगर आपकी पत्नी आपके खिलाफ कोर्ट में केस कर देती है तो ऐसे हालत में ये 100 नुम्बर पर काल जो की पुलिस के रोजनामचे में लिखी हुई होती है तथा पुलिस को लिखित में दी गई शिकायत, सबूत के तौर पर आपकी पत्नी के खिलाफ काम आएगी | आप इन सबूतों को कमजोर नही समझे ये सबूत आपको केस जीतवा सकते है जैसे की आप अपनी पत्नी से गवाही के समय सवाल करे की क्या आपने कभी अपने पति को झूठा आत्महत्या का प्रयत्न, या झूठे केस में फसाने की धमकी दी थी या फिर कभी मरने की कौशिश भी की थी | जिससे की आपके पति जेल चले जाये तो ऐसे में आपकी पत्नी मना ही करेगी और झूठी पड़ेगी, तो आप ये सबूत अपने बचाव के तौर पर कोर्ट के सामने प्रस्तुत कर सकते है |

आपने अपनी पत्नी के खिलाफ, झूठा आत्महत्या का प्रयत्न या धमकी देनी की 100 पर काल की भी, तथा पुलिस में लिखित शिकायत भी की थी लेकिन पुलिस ने शिकायत पर कोई कार्यवाही नही की, ये सवाल-जवाब  आप पुलिस गवाहों से भी कर सकते है |

पत्नी पर आत्महत्या का प्रयत्न या धमकी देने का केस करे :- अगर आपकी पत्नी ने आपके खिलाफ झूठा दहेज का केस कर दिया है तो आप भी अपनी पत्नी के खिलाफ पहले की दी हुई शिकायत पर केस कर सकते है |

पत्नी पर क्रिमिनल केस करने की समय सीमा :- कई बार क्या होता है की पति ने अपनी पत्नी के खिलाफ आत्महत्या करने की कोशिश व धमकी के सबूत इकठ्ठे किये होते है | पर उस समय उन दोनों का समाज के दबाव में समझोता हो जाता है | लेकिन बाद में कई सालो बाद अगर फिर से झगड़ा शुरू हो जाता है और अगर पत्नी पति पर झूठा दहेज का केस कर देती है, तो ऐसे में, पति भी अपनी उन पुरानी शिकायतों के बल पर कोर्ट में केस कर सकता है | FIR करवाने की कोई समय सीमा नही होती है आप घटना के कितने भी सालो के बाद भी आप पुलिस या  कोर्ट में FIR करवाने  के लिए जा  सकते है |

कोर्ट में आत्महत्या का प्रयत्न का केस करे या नही :- वैसे तो इन चीजो के सबूत, आपको, आपकी पत्नी, के खिलाफ केस जीतने में तो फायदा कर सकते है लेकिन उसके फिलाफ़ FIR करवाने या फिर उसको जेल भेजने में में ज्यादा कारगर नही होंगे | ऐसे में अगर आपके पास ठोस सबूत है तो ही आप कोर्ट में FIR के लिए केस करे अन्यथा कोर्ट में केस करने का कोई फायदा नही होगा | लेकिन फिर भी आप चाहे तो ऐसा करके अपनी पत्नी पर इन केसों का दबाव बना सकते हो | ऐसे में मेरी राय ये है की, अगर, आपके पास ठोस सबूत, जैसे की ओडियो या विडियो और कोई चश्मदीद गवाह  ( आई विटनेस ) है तो केस करे वरना इन सबूतों को अपनी पत्नी के खिलाफ उसकी गवाही में ही इस्तेमाल करे |

तलाक का आधार :- पत्नी से तलाक का आधार क्रूरता भी होती है | जिसमे की पत्नी की झूठा आत्महत्या का प्रयत्न या धमकी देना भी क्रूरता का आधार माना जाता है | आप इन शिकायतों के आधार पर अपनी पत्नी से तलाक भी ले सकते है |

पत्नी झूठी आत्महत्या का प्रयत्न का केस कैसे जीते :- पत्नी को चाहिए की वो इस केस में पुलिस (I.O.) जो की उस शिकायत का इंचार्ज था उसको समन करके बुलवाए तथा उससे सवाल करे की, उस समय उसने शिकायत को झूठा पाया था इसी लिए केस रजिस्टर नही किया था अन्यथा उसे गिरफ्तार कर लिया होता |

इसी प्रकार से आप 100 नंबर पर की गई की काल पर कह सकती है की आपने आपने पति की इस झूठी आत्महत्या का प्रयत्न  की शिकायत पर अपना घर बसाने की कोशिश के लिए ही अपने पति पर कोई कार्यवाही नही की अन्यथा आप उस समय अपने पति को झूठी पुलिस काल करने पर जेल भिजवा सकती थी

आपके पति ने पुलिस में झूठी आत्महत्या का प्रयत्न की लिखित शिकायत धोखे से दी है आपको उसका ज्ञान नही था अन्यथा आप उसी समय अपने पति पर कार्यवाही कर दे देती |
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