शुक्रवार, 17 अगस्त 2018

जमीनों के लेनदेन में काले धन की रोकथाम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट

जमीनों के लेनदेन में काले धन की रोकथाम के लिए प्रस्तावित कानूनी ड्राफ्ट :
भारत के नागरिको,
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पूरे देश में जमीनों की DLC/सर्कल रेट और वास्तविक कीमतों में बहुत बड़ा अंतर है जिससे जमीनों की खरीद फरोख्त में बड़े पैमाने पर नकदी या काले धन का इस्तेमाल किया जाता है । भ्रष्ट अधिकारियों, नेताओं और धनिको द्वारा अवैध रूप से कमाए धन का ज़्यादातर निवेश जमीनो में किया जा रहा है जिससे जमीनों की कीमते लगातार बढ़ रही है तथा सरकार को राजस्व का नुक्सान हो रहा है । जमीन की कीमतें बढ़ने से एक तरफ जहाँ आर्थिक दृष्टी से कमजोर वर्ग घर बनाने, उद्योग दुकान वगेरह लगाने में अक्षम हो जाता है, जिससे बेरोजगारी और गरीबी बढती है वहीँ दूसरी और भूमि निवेश में काले धन को प्रोत्साहन मिलता है ।
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इस समस्या के समाधान के लिए हमने निम्नलिखित कानूनी ड्राफ्ट प्रस्तावित किया है।
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इस प्रस्तावित क़ानून के गेजेट में प्रकाशित होने के बाद किसी भूखंड के विक्रय होने के 30 दिवस के भीतर कोई तीसरा पक्ष विक्रय मूल्य पर 25% अधिक भुगतान करके अमुक भूखंड का क्रय कर सकेगा, जिसमें से 20% राशि पूर्व पूर्व क्रेता प्राप्त करेगा । इससे जमीन के क्रय विक्रय में नकद लेनदेन में कमी आएगी तथा 3 वर्ष पश्चात मार्जिन को 25% से घटाकर 5 से 20% तक किया जा सकेगा ।
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स्पष्टीकरण के लिए दिए गए ड्राफ्ट का अनुच्छेद 3 देखें ।
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यदि आप इस क़ानून का समर्थन करते है तो अपने सांसद को एस.एम.एस. द्वारा ये आदेश भेजे :
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===== सांसद को भेजे जाने वाले SMS के नमूने का प्रारम्भ =====
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माननीय सांसद, मैं आदेश करता हूँ कि दिए गए लिंक में दर्ज कानूनी ड्राफ्ट को गेजेट में प्रकाशित किया जाए : tinyurl. com/ReduceCashInLandDeals3
मतदाता संख्या : ######
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====== SMS के नमूने की समाप्ति ======

SMS नमूने का अंग्रेजी अनुवाद :
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Dear MP, I order you to print the law draft mentioned in tinyurl. com/ReduceCashInLandDeals3
Voter ID : #######
……
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माननीय सांसद,

यदि आप निम्नांकित कानूनी ड्राफ्ट को गेजेट में प्रकाशित करने का सन्देश प्राप्त करते है तो इसे सन्देश भेजने वाले नागरिक मतदाता का आदेश माना जाए न कि लेखक का ।
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======= कानूनी ड्राफ्ट का प्रारम्भ ======
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सामान्य टिप्पणियां

यह टिप्पणियाँ ज्यूरी सदस्यों तथा अन्य सभी नागरिको के लिए गाइड लाइन की तरह है तथा ये कानूनी ड्राफ्ट के मूल भाग का अंश नही है ।
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इस क़ानून के अनुसार प्रवृत 'राष्ट्रीय भूमि विक्रय पर्यवेक्षण अधिकारी' (NLSSO) पदनाम से नियुक्त सरकारी अधिकारी किसी भूमि के विक्रय होने के 30 दिनों की अवधि के भीतर अमुक भूखंड की नीलामी आयोजित कर सकेगा । ऐसी नीलामी की राशि उस राशि से 25% अधिक होगी जिस राशि में क्रेता ने अमुक भूमि का क्रय किया है। यदि क्रेता ने किसी भूखंड के लिए वास्तविक बाजार मूल्य के अनुसार भुगतान किया है तो 30 दिनों की अवधि में स्वत: ही ऐसी नीलामी व्यवहार में नही आएगी । अत: वास्तविक बाजार मूल्य चुकाने वाले क्रेता इस क़ानून से अप्रभावित रहेंगे तथा क़ानून उन क्रेताओं पर लागू होगा जो कि वास्तविक बाजार मूल्य से कम मूल्य चुका रहे है । इस परिस्थिति में भी क्रेता को मौद्रिक नुकसान नहीं होगा किन्तु यदि क्रेता ने भूखंड का मूल्य वास्तविक बाजार मूल्य से कम दर्शाया है, तो उसे भूखंड का स्वामित्व खोना पड़ सकता है । इस प्रक्रिया को सेक्शन-3 में वर्णित किया गया है। अन्य सेक्शन सामान्य प्रक्रियाओं का उल्लेख करते है ।
यदि किसी भूखंड को वास्तविक बाजार मूल्य से कम कीमत पर क्रय किया जाता है तो NLSSO अमुक भूखंड की बोली लगाने के लिए अन्य पक्षकारो को सूचना देगा । ऐसी स्थिति में NLSSO अपना काम ईमानदारी और कुशलता से करे इसके लिए यह आवश्यक है कि NLSSO को प्रजा अधीन किया जाए । राईट टू रिकाल NLSSO की नियुक्ति और निलम्बन के प्रावधान सेक्शन RTR-NLSSO में दिए गए है ।

टिप्पणियों का समापन
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सेक्शन-1. सामान्य परिभाषाएं
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(1.1). इस ड्राफ्ट में नागरिक शब्द का अर्थ भारत का पंजीकृत मतदाता है ।
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(1.2). इस ड्राफ्ट में प्रयुक्त शब्द भूमि में सभी प्रकार के भूखंड, कृषि भूमि, फ्लेट्स, कार्यालय, निर्माण, इमारतें तथा किसी भूमि या फ्लेट पर निर्माण से प्राप्त स्वामित्व शामिल है ।
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(1.3). इस ड्राफ्ट में प्रयुक्त शब्द फ्लेट में सभी प्रकार के फ्लेट्स, बंगले, कार्यालय, अपार्टमेन्ट, इमारतें, गोदाम, औद्योगिक शेड्स सभी तरह के निर्माण तथा निर्माण से प्राप्त स्वामित्व शामिल है ।
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(1.4). यह अधिनियम उस भूमि के विक्रय पर लागू नहीं होगा, जिसका विक्रय निष्पक्ष तथा खुली नीलामी की प्रक्रिया के तहत किया गया हो । ऐसी कोई नीलामी प्रक्रिया निष्पक्ष एवं खुली हुयी है या नही, इसका निर्धारण इस अधिनियम में वर्णित ज्यूरी प्रावधानों के अनुसार नागरिको की ज्यूरी करेगी ।
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(1.5). शब्द विक्रय में सभी प्रकार के विक्रय, उपहार जो कि पारिवारिक सदस्यों के अलावा दिए गए है तथा किराया अनुबंध जो कि 20 वर्ष की अवधि से अधिक के हो, शामिल है । प्रवृत आयकर अधिनियम द्वारा निर्धारित घनिष्ठ पारिवारिक सदस्यों को दिए गए उपहार तथा विरासत विक्रय में शामिल नही है । यद्यपि किसी पारिवारिक सदस्य को दिए गए किसी उपहार को एक वर्ष के भीतर फिर से उपहार के रूप में प्राप्त करने को विक्रय की श्रेणी में माना जाएगा । यदि किसी कंपनी या ट्रस्ट के स्वामित्व वाले किसी भूखंड/फ्लेट का स्वामित्व किसी अन्य को हस्तांतरित किया जाता है, तो इसे विक्रय माना जाएगा ।
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सेक्शन-2. मुख्य अधिकारियों, उनके कार्मिक तथा कार्यालय
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(2.1). [ प्रधानमन्त्री के लिए निर्देश ]
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भूमि क्रय-विक्रय में बैंक खाते रहित नकदी के प्रयोग में कमी लाने के लिए प्रधानमन्त्री राष्ट्रीय भूमि विक्रय पर्यवेक्षण अधिकारी (NLSSO) पद नाम से एक अधिकारी की नियुक्ति करेंगे, जिसे भारत के नागरिक इस अधिनियम में वर्णित RTR-NLSSO सेक्शन में दर्ज प्रावधानों के अनुसार बदल सकेंगे ।
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(2.2). [ NLSSO, प्रधानमन्त्री, सांसद तथा नागरिको के लिए निर्देश ]
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NLSSO गाइड लाइन जारी करेगा तथा पूरे देश में अपने कार्यालयों के संचालन के लिये आवश्यक कोष का ब्यौरा प्रस्तुत करेगा । ऐसी गाइड लाइन्स तब से प्रभावी होगी जबकि प्रधानमन्त्री इन्हें राजपत्र में प्रकाशित कर देते है, या सांसद इस प्रस्ताव को संसद में पारित कर देते है, या इसी अधिनियम में वर्णित टी सी पी सेक्शन में दर्ज प्रावधानों का प्रयोग करके भारत के नागरिक इन्हें अनुमोदित कर देते है ।
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(2.3). [ NLSSO के लिए निर्देश ]
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NLSSO केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों में कार्यरत अधिकारियों की नियुक्ति उनके शीर्ष अधिकारियों की अनुमति से करेगा । NLSSO राज्यों में राज्य भूमि विक्रय पर्यवेक्षण अधिकारी (SLSSO), जिलो में जिला भूमि विक्रय पर्यवेक्षण अधिकारी (DLSSO), तथा तहसील स्तर पर तहसील भूमि विक्रय पर्यवेक्षण अधिकारी (TLSSO) की नियुक्ति करेगा । ये अधिकारी केंद्र सरकार के अधीन रहते हुए NLSSO के निर्देशन में कार्य करेंगे ।
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(2.4). [ NLSSO के लिए निर्देश ]
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NLSSO भूमि क्रय-विक्रय के पंजीयन तथा सम्बंधित गतिविविधियों के पारदर्शी संचालन हेतु SLSSO, DLSSO, TLSSO, भूमि क्रेताओं, भूमि विक्रेताओं आदि के लिये एक वेबसाईट निर्मित करेगा ।
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(2.5). [ NLSSO के लिए निर्देश ]
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NLSSO जारी किये गए आवश्यक दिशा निर्देशों के विज्ञापन जिलो के समाचार पत्रों में प्रकाशित करेगा । स्थानीय भाषा में यह विज्ञापन अमुक जिले के उन दो समाचार पत्रों में प्रकाशित किये जायेंगे जिनकी प्रसार संख्या प्रेस रजिस्ट्रार के अनुसार जिले में सर्वाधिक हो । A4 आकार के यह विज्ञापन मुख्य पृष्ठ के बाएं हिस्से में प्रकाशित किये जायेंगे जिनकी दरें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार होगी ।
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(2.6). [ NLSSO, सभी भूमि मालिको और नागरिको के लिए निर्देश ]
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इस सम्बन्ध में आवश्यक निर्देशों का विज्ञापन प्रकाशित होने के 90 दिनों के भीतर सभी व्यक्ति, साझेदार, अन्य कम्पनियां, सार्वजनिक उपक्रम, सरकारी इकाइयां, ट्रस्ट, सहकारी संस्थाएं, विदेशी व्यक्ति, इकाइयां तथा अन्य सभी नागरिक जो कि भारत में किसी भूमि या निर्माण में आंशिक या पूर्ण स्वामित्व रखते है, अपने स्वामित्व की सूचना का पंजीयन करायेंगे । यह पंजीयन TLSSO कार्यालय में दर्ज किया जा सकेगा । व्यक्ति या इकाइयां जिनकी हिस्सेदारी कोपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी या कोमर्सियल कोम्प्लेक्स में किसी भी प्रकार की हिस्सेदारी है, भी इस सम्बन्ध में स्वामित्व की सूचना का पंजीयन करायेंगे ।सभी नागरिक भूमि/फ्लेट आदि के स्वामित्व से सम्बंधित किये गए दावों की सूचना भी पंजीकृत करायेंगे, चाहे ऐसे दावों से सम्बंधित वाद अदालत में दायर नही किये गए हो अथवा नही । NLSSO नागरिको को यह सुविधा देगा कि वे अपने स्वामित्व और दावों से सम्बंधित विवरण इंटरनेट पर या TLSSO/वार्ड के कार्यालय में दर्ज कर सके। NLSSO किसी स्वामित्व/दावे के विलम्बित पंजीयन पर सम्बंधित भूमि के मूल्य का 0.03% जुर्माना साप्ताहिक आधार पर लागू कर सकेगा । दावों को विलम्ब से दर्ज कराने के आधार पर दावों की स्थिति अप्रभावित बनी रहेगी ।
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(2.7). [ NLSSO के लिए निर्देश ]
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NLSSO सभी भूमि स्वामित्व तथा दावों के अभिलेखों का विवरण स्वामी के नाम, छाया चित्र, पेन कार्ड संख्या, आधार कार्ड संख्या, मतदाता पहचान संख्या, माता-पिता के नाम, उनकी मतदाता पहचान संख्या, पेन कार्ड संख्या, आधार संख्या के साथ इंटरनेट पर पारदर्शी रूप से दर्ज करेगा । स्वामी के महिला होने की स्थिति में महिला का छाया चित्र प्रकाशित नही किया जाएगा, किन्तु महिला का द्वारा अनुमोदित उसके परिवार के किसी पुरुष सदस्य, या उसके द्वारा अनुमोदित अन्य पुरुष या उसके वकील का छाया चित्र वेबसाईट पर रखा जायेगा ।
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(2.8). [ NLSSO के लिए निर्देश ]
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NLSSO सरकारी संस्थाओं द्वारा उपयोग में लिए जा रहे सभी प्रकार के भूमि, फ्लेट, चाहरदीवारी जैसे जिलाधीश कार्यालय, नगर परिषद आदि के अभिलेख और विवरण रखेगा ।
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(2.9). [ सभी भू स्वामियों और TLSSO के लिए निर्देश ]
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जब भी कोई विक्रेता किसी भूमि/फ्लेट को बेचेगा, इस सूचना का पंजीयन TLSSO कार्यालय में कराया जाएगा । इसका विवरण क्रेता तथा विक्रेता दोनों को अलग से कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा । दोनों पक्ष किसी भूखंड/फ्लेट की खरीद फरोख्त होने के 7 दिवस के भीतर अमुक भूखंड का नंबर, स्थिति, आकार, निर्माण का आकार, दोनों पक्षों के नाम, पहचान पत्र संख्या तथा भुगतान की गयी राशि का विवरण TLSSO कार्यालय में या उसकी वेबसाईट पर दर्ज करायेंगे । यदि ऐसे विवरण विलम्ब से प्रस्तुत किये जाते है तो अमुक भूखंड के मूल्य का 0.01% प्रतिदिन की दर से जुर्माना देय होगा ।
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(2.10). [ TLSSO के लिए निर्देश ]
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जब भी TLSSO को ऐसे किसी भूखंड के विक्रय की जानकारी होगी, वह अमुक भूखंड से सम्बंधित सम्पूर्ण विवरण जैसे भूखंड का नाम, संख्या, भूखंड का छाया चित्र, स्थिति, नक्शा, मूल्य, निर्माण की स्थिति, निर्माण का आकार, क्रेता तथा विक्रेता के नाम, उनकी पहचान पत्र संख्या, छाया चित्र ( यदि पक्षकार पुरुष है तो ) आदि वेबसाईट पर दर्ज करेगा । पक्षकार के महिला होने की स्थिति में महिला के छाया चित्र के स्थान पर अमुक महिला द्वारा अनुमोदित पुरुष या उसके वकील का छाया चित्र रखा जाएगा । यदि क्रेता कोई ट्रस्ट या कम्पनी है तो TLSSO सभी ट्रस्टियों के नाम तथा पहचान पत्र संख्या वेबसाईट पर रखेगा । ऐसी स्थिति में जबकि क्रेता कोई पब्लिक लिमिटेड कम्पनी है कंपनी का नाम, निदेशक मंडल तथा मुख्य अंश धारको के विवरण दर्ज किये जायेंगे न कि सभी शेयर धारको के ।
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सेक्शन-3. तृतीय पक्षकारो के लिए नीलामी प्रक्रिया ।
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(3.1). [ NLSSO के लिए निर्देश ]
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NLSSO विक्रय किये गए किसी भूखंड/फ्लेट आदि की नीलामी प्रक्रिया का संचालन करेगा । यह प्रक्रियाएं NLSSO द्वारा प्रकाशित किये गए विज्ञापन के 90 दिनों बाद प्रभावी होंगी । विज्ञापन से सम्बंधित प्रावधान अन्य अनुच्छेद में दिए गए है ।NLSSO पुराने विक्रय अनुबंधो को नीलामी प्रक्रिया में शामिल नही करेगा । NLSSO 20 वर्ष से अधिक अवधि के किराए अनुबंधो को शामिल करेगा, किन्तु 20 वर्ष या 20 वर्ष से कम समयावधि के किराए अनुबंधो को नीलामी प्रक्रिया में शामिल नही करेगा । NLSSO सिर्फ उन विक्रय व्यवहारों को नीलामी प्रक्रिया में शामिल करेगा जिनमे दोनो पक्षकार निजी इकाइयां हो न कि कोई सरकारी इकाई । यहाँ सरकारी इकाई से आशय कोई भी ऐसी कम्पनी/इकाई से है जिसके स्वामित्व का 51% या इससे अधिक अंश केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रम, स्थानीय निकाय, नगर परिषद् आदि के अधिकार में हो । NLSSO उन विक्रय व्यवहारों को भी नीलामी प्रक्रिया में शामिल नही करेगा, जिनके विक्रय में खुली तथा निष्पक्ष नीलामी प्रक्रिया का पालन किया गया हो । नीलामी की ऐसी कोई प्रक्रिया निष्पक्ष तथा खुली है या नही, इसका निर्धारण जूरी सदस्य करेंगे । जूरी प्रक्रिया से सम्बंधित प्रावधान इसी अधिनियम के ज्यूरी सेक्शन में दिए गए है ।
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(3.2). [ TLSSO के लिए निर्देश ]
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जब किसी भूमि/फ्लेट की बिक्री के बारे में TLSSO को जानकारी प्राप्त होगी, TLSSO अमुक भूमि/फ्लेट से सम्बंधित विवरण जैसे भूखंड का नाम, स्थिति, आकार, निर्माण की स्थिति, भूखंड का छाया चित्र, नक्शा, भूखंड की पहचान संख्या तथा भूखंड के मूल्य को वेबसाईट पर दर्ज करेगा ।
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(3.3). [ NLSSO, SLSSO, DLSSO तथा TLSSO के लिए निर्देश ]
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NLSSO आदि प्रयास करेंगे की नीलामी प्रक्रिया में तृतीय पक्ष द्वारा लगाई जाने वाली बोली की न्यूनतम राशि उस राशि से 25% अधिक हो जिस राशि का भुगतान क्रेता ने अमुक भूखंड को क्रय करने के लिए किया है । यदि कोई तृतीय पक्ष 30 दिनों के भीतर किसी भूखंड के विक्रय मूल्य से 25% अधिक भुगतान करता है, तो NLSSO क्रेता को 120% का भुगतान करेगा तथा तृतीय पक्ष को अमुक भूखंड के अगले संभावित स्वामी के रूप में दर्ज करेगा । संभावित स्वामी द्वारा लगाईं गयी इस राशि को स्वीकार करने के बाद NLSSO फिर से अगले 30 दिनों तक अगली बोली की प्रतीक्षा करेगा । यदि अन्य कोई पक्षकार इस भूखंड के लिए बोली लगाता है, तो यह बोली उस राशि से 25% अधिक होनी चाहिए जिस राशि का भुगतान संभावित स्वामी द्वारा पिछली खरीद में किया गया था । यदि अन्य कोई पक्ष अमुक भूखंड के लिए कोई बोली नही लगाता है, तो अंतिम क्रेता को भूखंड का स्वामी घोषित कर दिया जाएगा ।
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स्पष्टीकरण : 1
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अ) माना कि A एक भूखंड B को विक्रय करता है तथा B इसका मूल्य 1 करोड़ चुकाता है । A TLSSO को रिपोर्ट करता है कि उसने B को भूखंड 1 करोड़ में विक्रय किया है ।
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ब) माना कि 30 दिनों के भीतर C इस भूखंड को खरीदने के लिए 1.25 करोड़ रू का भुगतान करने का प्रस्ताव करता है । ऐसी स्थिति में TLSSO 1.20 करोड़ रू B के बेंक खाते में जमा करेगा तथा B का दावा अमुक भूखंड से हटा देगा । शेष 5 लाख रू की राशि केंद्र सरकार के खाते में जमा की जायेगी ।
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स) माना कि A के भूखंड बेचने के 30 दिनों के भीतर यदि C1, C2, तथा C3 क्रमश: 1.25 करोड़, 1.35 करोड़ तथा 1.50 करोड़ रूपये के भुगतान का प्रस्ताव करते है, तो TLSSO C3 के प्रस्ताव को स्वीकार करेगा, B का नाम भूखंड के स्वामित्व से हटाएगा, B को 1.20 करोड़ रू का भुगतान करेगा तथा शेष 30 लाख रू केंद्र सरकार के खाते में जमा करेगा ।
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द) जब एक बार C (या C3) का दावा भूखंड पर स्वीकार कर लिया जाता है, तो TLSSO नये दावों के लिए फिर से अगले 30 दिनों तक प्रतीक्षा करेगा । इस चरण में बोली की राशि पिछली बार अदा किये गए विक्रय मूल्य के 25% से अधिक होगी । यदि C ने भूखंड को 1.25 करोड़ में क्रय किया था अत: बोली लगाने के लिए अब यह राशि 1.25×125% = 1.56 करोड़ होगी ।
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य) ऐसी स्थिति में यदि D इस भूखंड को खरीदने का प्रस्ताव करता है तो बोली 1.56 करोड़ रू से प्रारम्भ होगी । यदि D 1.60 करोड़ की बोली लगाता है, तो TLSSO 1.50 करोड़ रू C के खाते में जमा करेगा, D का नाम भूखंड के संभावित स्वामी के रूप में दर्ज करेगा तथा अगले 30 दिनों तक प्रतीक्षा करेगा ।
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र) यदि अगले 30 दिन तक अन्य कोई भी पक्षकार बोली लगाने के लिए नही आता है, तो TLSSO भूखंड को अंतिम क्रेता के नाम पर हस्तांतरित कर देगा ।
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सेक्शन -4. भूमि के क्रय-विक्रय तथा नीलामी प्रक्रिया के विवादों के निपटान के लिए जूरी ट्रायल प्रावधान :
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(4.1). [NLSSO, भूमि स्वामियों तथा सभी नागरिको के लिए निर्देश]
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यदि NLSSO, SLSSO, DLSSO, TLSSO या उसके अधिकारियों और भूमि मालिको के मध्य किसी भूमि के क्रय-विक्रय या भूमि दावों के सम्बन्ध में कोई विवाद खड़ा होता है, तो NLSSO नागरिको की ज्यूरी का गठन करेगा । यह सेक्शन ज्यूरी के गठन के विनियमों से सम्बंधित है ।
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(4.2). [NLSSO के लिए निर्देश]
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NLSSO प्रत्येक जिले में एक जिला ज्यूरी प्रशासक, प्रत्येक राज्य में एक राज्य ज्यूरी प्रशासक तथा राष्ट्रीय स्तर पर एक राष्ट्रीय ज्यूरी प्रशासक की नियुक्तियां करेगा ।
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(4.3). [राष्ट्रीय ज्यूरी प्रशासक, राज्य ज्यूरी प्रशासक, जिला ज्यूरी प्रशासक, NLSSO और उसके स्टाफ, भू स्वामियों और नागरिको के लिए निर्देश]
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(4.3.1) किसी भूमि के क्रय विक्रय, दावों या नीलामी की प्रक्रिया को लेकर NLSSO तथा उसके स्टाफ और भू स्वामी एवं दावेदारो के बीच किसी प्रकार का विवाद होने पर मामला उस जिले में दर्ज किया जाएगा जिस जिले में विवादित भूखंड स्थित है ।
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(4.3.2). ज्यूरी के गठन के लिए जिला ज्यूरी प्रशासक जिले की मतदाता सूची में से अक्रमत: विधि से 30 से 55 आयु वर्ग के नागरिको का चयन करेगा । किन्तु ऐसे नागरिक पिछले 10 वर्ष में किसी ज्यूरी सभा के सदस्य न रहे हो, तथा न ही उन्हें किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो ।
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(4.3.3) यदि विवादित भूमि की राशि 25 करोड़ से अधिक है तो जूरी सदस्यों का चयन राज्य की मतदाता सूची में से तथा मूल्य 100 करोड़ से अधिक होने पर देश की मतदाता सूची में से किया जाएगा ।
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(4.3.4). ज्यूरी सदस्यों की संख्या : किसी ज्यूरी के लिए ज्यूरी सदस्यों की न्यूनतम संख्या 12 तथा अधिकतम संख्या 1500 तक हो सकेगी । यदि विवादित भूमि का मूल्य 50 लाख से कम है तो ज्यूरी सदस्यों की संख्या 12 होगी तथा भूमि का मूल्य 50 लाख से अधिक होने पर प्रति 50 लाख पर एक ज्यूरी सदस्य बढ़ा दिया जाएगा, किन्तु यह संख्या 1500 से अधिक नही बढाई जा सकेगी ।
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(4.3.5). राज्य या देश की मतदाता सूची में से ज्यूरी सदस्यों का चयन करने की दशा में चयन उन जिलों से किया जाएगा, जिन जिलो के जिला न्यायलय वीडियो कोंफ्रेंसिंग के जरिये उस जिले के न्यायलय से जुड़े हुए है, जिस जिले में सुनवाई की जा रही है । यदि मामला ऐसे जिले में दर्ज किया गया है, जिसके न्यायलय में वीडियो कोंफ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध नही है, तो सभी ज्यूरी सदस्यों का चयन उसी जिले की मतदाता सूची में से किया जाएगा ।
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(4.3.6) वर्तमान सर्कल रेट और पिछले विक्रय मूल्य में से जो भी अधिक हो उसे विवादित भूमि का प्राथमिक मूल्य माना जाएगा ।
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(4.3.7). ज्यूरी मंडल द्वारा दिए गए फैसलों के विरुद्ध अपील प्रवृत कानूनों के अनुसार उच्च न्यायलय, उच्चतम न्यायलय या ज्यूरी मंडल के समक्ष की जा सकेगी ।
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सेक्शन -5. RTR-NLSSO, राष्ट्रीय भूमि विक्रय पर्यवेक्षण अधिकारी के लिए राईट टू रिकाल प्रक्रिया :

(5.1) [केबिनेट सचिव, केंद्र सरकार या उनके द्वारा नियुक्त किये गए अधिकारी के लिए निर्देश]
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यदि कोई नागरिक मतदाता NLSSO बनना चाहता है तो वह केबिनेट सचिव के समक्ष उपस्थित होकर या अपने वकील के माध्यम से शपथपत्र प्रस्तुत करेगा । केबिनेट सचिव सांसद के चुनाव के लिए निर्धारित राशि के बराबर राशि जमा कर ऐसे शपथपत्र को दर्ज कर लेगा ।
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(5.2) [पटवारी/तलाटी के लिए निर्देश]

यदि किसी जिले का मतदाता पटवारी कार्यालय में अपने मतदाता पहचान पत्र के साथ उपस्थित होकर NLSSO के लिए अनुमोदन दर्ज कराता है, तो पटवारी 3 रू शुल्क लेकर उसे कम्पूटर में दर्ज करेगा तथा बदले में एक रसीद देगा, जिस पर उसकी मतदाता पहचान संख्या, अनुमोदित उम्मीदवारों के नाम, समय तथा दिनांक अंकित करेगा । मतदाता अधिक से अधिक पांच उम्मीदवारों को अनुमोदित कर सकेगा ।
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(5.3) [पटवारी/तलाटी के लिए निर्देश]
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पटवारी नागरिक द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकता के अनुसार उम्मीदवारों के अनुमोदनों को प्रधानमन्त्री की वेबसाईट पर उसकी मतदाता संख्या के साथ दर्ज करेगा ।
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(5.4) [पटवारी/तलाटी के लिए निर्देश]
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यदि कोई मतदाता अपने किसी अनुमोदन को रद्द करवाता है तो पटवारी बिना कोई शुल्क लिए उसे रद्द कर देगा, तथा इसे प्रधानमन्त्री की वेबसाईट पर दर्ज करेगा ।
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(5.5) [केबिनेट सचिव के लिए निर्देश]
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पिछले महीने के अंतिम दिन तक उम्मीदवारों को प्राप्त नागरिको के अनुमोदनों की संख्या को केबिनेट सचिव हर महीने की 5 तारीख को प्रकाशित करेगा ।
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(5.6) [प्रधानमन्त्री के लिए निर्देश]
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यदि किसी उम्मीदवार को कुल मतदाताओं के 51% अनुमोदन प्राप्त हो जाते है, ( कुल पंजीकृत मतदाताओं के 51%, न कि उन मतदाताओं के जिन्होंने अनुमोदन किया है ) तो प्रधानमन्त्री उसे NLSSO के पद पर नियुक्त कर सकते है या उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता नही है अथवा प्रधानमन्त्री अपने पद से इस्तीफा दे सकते है या उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता नही है । इस सम्बन्ध में प्रधानमन्त्री का फैसला अंतिम होगा ।
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सेक्शन -6. टी सी पी - जनता की आवाज के प्रावधान :

(6.1) [जिला कलेक्टर के लिए निर्देश]
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यदि कोई नागरिक मतदाता इस क़ानून में कोई संशोधन करना चाहता है तो वह कलेक्टर कार्यालय में उपस्थित होकर शपथपत्र प्रस्तुत कर सकेगा । कलेक्टर 20 रू प्रति पृष्ठ की दर से शुल्क लेकर इसे प्रधानमन्त्री की वेबसाईट पर दर्ज करेगा और बदले में छपी हुयी रसीद देगा ।
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(6.2) [पटवारी/तलाटी के लिए निर्देश]
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यदि कोई मतदाता इस अधिनियम के किसी सेक्शन, अनुच्छेद या धारा में संशोधन चाहता है या टी सी पी की धारा एक के तहत दर्ज किये गए किसी शपथपत्र पर अपनी हाँ या ना दर्ज कराता है, तो पटवारी 3 रू लेकर उसे दर्ज करेगा तथा प्रधानमन्त्री की वेबसाईट पर डाल देगा ।
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(6.3) [प्रधानमन्त्री के लिए निर्देश]
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यदि किसी शपथपत्र पर कुल मतदाताओं के 51% मतदाता हाँ दर्ज कर देते है, तो प्रधानमन्त्री ऐसे शपथपत्र पर कार्यवाही कर सकते है, या इस्तीफा दे सकते या उन्हें ऐसा करने की जरुरत नही है । प्रधानमन्त्री का फैसला अंतिम होगा ।

=====ड्राफ्ट की समाप्ति===
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