भारत के सविधान के आर्टिकल 1के अनुसार हमारे देश का नाम "इंडिया दैट इस भारत"रखा गया है। इस को लेकर सवाल खड़ा होता है की सविधान निर्माताओ को एक देश के दो नाम क्यों रखने पड़े। इस बात पर देश की सविधान सभा में बढ़ी चर्चा हुई ? कुछ लोग प्रचीन परंपरा और संस्कृति और पर बल दे रहे थे और वे चाहते थे की देश का नाम " भारत " रखा जाये दूसरे पक्ष के नेताओ की मांग थी की "इंडिया " नाम से देश को पूरा विशव पहचानता है और ये आधुनिक नाम है इस लिए देश का नाम इंडिया होना चाहिए। उस समय संयुक्त राष्ट्र संघ (United nation organisation ) में भी देश का नाम इंडिया था और भारत ने अपने सभी अंतरराष्ट्रीय समझोते भी इंडिया नाम से किये हुए थे। क्यों की भारतीय सविधान सभा इस मामले में सर्वसमति बना पाने में नाकाम रही और ऐसे समय में संयोजन (accommodation) के सिद्धांत के अनुरूप कार्य करती थी ,इसलिए उस ने दोनों नाम शामिल कर लेना उचित समझा। विवाद इस बात पर भी था" इंडिया दैट इस भारत " या" भारत दैट इस इस इंडिया " अभ्हिवय्कि्त को चुना जाये इस बात पर ज्यादा जोर न देते हुए सविधान सभा ने" इंडिया दैट इस भारत " को चुना। इस का मतलब है देश का औपचारिक नाम इंडिया है
हमारे देश के दो नाम क्यों है ?और संविधान के हिसाब से कौन सा सही है "इंडिया " या "भारत "?
published on 2:01 am
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