नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय,भारत सरकार की योजना
केंद्र सरकार एक ऐसी स्कीम लेकर आई है, जिसमें आप महज 70 हजार रुपए खर्च कर 25 साल तक मुफ्त बिजली पा सकते हैं। हर महीने आपके बिजली के भारी-भरकम बिल की टेंशन खत्मं करने के लिए यह एक अच्छाा ऑफर है। दरअसल, सोलर पैनल लगाने वालों को केंद्र सरकार का न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय रूफटॉप सोलर प्लां ट पर 30 फीसदी सब्सिडी मुहैया करा रहा है। बिना सब्सिडी के रूफटॉप सोलर पैनल लगाने पर करीब 1 लाख रुपए का खर्च आता है।
आइए समझते हैं कैसे...
एक सोलर पैनल की कीमत तकरीबन एक लाख रुपए है। राज्यों के हिसाब से यह खर्च अलग होगा। सब्सिडी के बाद एक किलोवॉट का सोलर प्लांट मात्र 60 से 70 हजार रुपए में कहीं भी इन्स्टॉल करा सकते हैं। वहीं, कुछ राज्य इसके लिए अलग से अतिरिक्त सब्सिडी भी देते हैं।
कहां से खरीदें सोलर पैनल
> सोलर पैनल खरीदने के लिए आप राज्य सरकार की रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट अथॉरिटी से संपर्क कर सकते हैं।
> राज्यों के प्रमुख शहरों में कार्यालय बनाए गए हैं।
> हर शहर में प्राइवेट डीलर्स के पास भी सोलर पैनल उपलब्ध हैं।
> अथॉरिटी से लोन लेने के लिए पहले संपर्क करना होगा।
> सब्सिडी के लिए फॉर्म भी अथॉरिटी कार्यालय से ही मिलेगा।
25 साल होती है सोलर पैनलों की उम्र
सोलर पैनलों की उम्र 25 साल की होती है। यह बिजली आपको सौर ऊर्जा से मिलेगी। इसका पैनल भी आपकी छत पर लगेगा। यह प्लांट एक किलोवाट से पांच किलोवाट क्षमता तक होंगे। यह बिजली न केवल निशुल्क होगी, बल्कि प्रदूषण मुक्त भी होगी।
पांच सौ वाट तक के सोलर पैनल मिलेंगे
सरकार की तरफ से पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर यह पहल शुरू की गई है। जरूरत के मुताबिक, पांच सौ वाट तक की क्षमता के सोलर पावर पैनल लगा सकते हैं। इसके तहत पांच सौ वाट के ऐसे प्रत्येक पैनल पर 50 हजार रुपए तक खर्च आएगा।
10 साल में बदलनी होगी बैटरी
सोलर पैनल में मेटनेंस खर्च नहीं आता, लेकिन हर 10 साल में एक बार बैटरी बदलनी होती है। जिसका खर्च करीब 20 हजार रुपए होता है। इस सोलर पैनल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है।
एयरकंडीशनर भी चलेगा
एक किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल में आमतौर पर एक घर की जरूरत की पूरी बिजली मिल जाती है। अगर एक एयरकंडीशनर चलाना है तो दो किलोवाट और दो एयर कंडीशनर चलाना है तो तीन किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल की जरूरत होगी।
बैंक से मिलेगा होम लोन
सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए यदि एकमुश्त 60 हजार रुपए नहीं है, तो आप किसी भी बैंक से होम लोन ले सकते हैं। वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों को होम लोन देने को कहा है। अबतक बैंक सोलर प्लांट के लिए लोन नहीं देते थे।
बेच भी सकते हैं एनर्जी
राजस्थासन, पंजाब, मध्यं प्रदेश और छत्ती सगढ़ जैसे राज्यों में सोलर एनर्जी को बेचने की सुविधा दी जा रही है। इसके तहत सोलर पावर प्लांथट से पैदा की गई अतिरिक्त। बिजली पावर ग्रिड से जोड़कर राज्यस सरकार को बेची जा सकेगी। उत्त र प्रदेश ने सोलर पावर का प्रयोग करने के लिए प्रोत्सा हन स्कीअम शुरू की है। इसके तहत सोलर पैनल के इस्तेरमाल पर बिजली बिल में छूट मिलेगी।
कैसे कमाएं पैसे
घर की छत पर सोलर प्लांट लगाकर बिजली बनाई जा सकती है। इसे बेचकर आप पैसा कमा सकते हैं। इसके लिए ये कुछ काम करने होंगे...
> लोकल बिजली कंपनियों से टाइअप करके बिजली बेच सकते हैं। इसके लिए लोकल बिजली कंपनियों से आपको लाइसेंस भी लेना होगा।
> बिजली कंपनियों के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट करना होगा।
> सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रति किलोवाट टोटल इन्वेस्टमेंट 60-80 हजार रुपए होगा।
> प्लांट लगाकर बिजली बेचने पर आपको प्रति यूनिट 7.75 रुपए की दर से पैसा मिलेगा।
एक सोलर पीवी सेल और मॉड्यूल क्या होते है?
सोलर पीवी सेल एक पीवी प्रणाली के निर्माण मूलखंड होते है| यह सेमीकंडक्टर पदार्थ से परिपूर्ण होते हैं, बिजली उत्पन्न करने के लिए यह सूर्य के प्रकाश को सोख लेते है, इस सिद्धांत को हम “फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव” कहते हैं| सूर्य के प्रकाश की एक निश्चित तरंगदैर्ध्य (वेवलेंथ) ही प्रभावी ढंग से बिजली उत्पन्न कर सकने में समर्थ होती हैं| हालांकि एक सोलर पीवी उस दिन भी बिजली उत्पन्न कर सकने में सक्षम होती हैं, जिस दिन आसमान में बादल छाएं होते हैं, लेकिन यह सूर्य के प्रकाश (धूप) के साथ एक उज्ज्वलित दिन के मुकाबले कहीं कम प्रभावी सिध्द होता हैं|
एक नियमित पीवी सेल काफी कम मात्रा में बिजली उत्पन्न करता हैं, इसलिए उनमें से कई एक साथ जोड़ या एकत्र कर सोलर पीवी मॉड्यूल बनाते हैं| इन सोलर पीवी मॉड्यूल से 10 वाट से 300 वाट तक बिजली उत्पन्न हो सकती हैं| अधिक बिजली की आवश्यकता पड़ने पर इन पीवी मॉड्यूल को एक सरणी (ऐरे) में स्थापित किया जाता हैं|
एक सोलर सेल को बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्री का उपयोग किया जाता है, और सोलर सेल की कार्यकुशलता भी काफी हद तक उसी पर निर्भर करती हैं| सोलर सेल की कार्यकुशलता, सूरज की रोशनी को एक निश्चित मात्रा में बिजली में परिवर्तित करने की दक्षता पर भी निर्भर करता है| बाजार में उपलब्ध सोलर सेल विभिन्न क्षमता के होते हैं जैसे 4%, 8%, 12%, 14% और 16%| एक सोलर पीवी मॉड्यूल का आकार, उसकी उत्पादन और क्षमता पर निर्भर करता है|
उदाहरण के तौर पर, एक 12% कुशल प्रणाली से 2000 वाट बिजली उत्पन्न करने के लिए, आपको 200 वर्ग फुट छत के वर्ग क्षेत्र की जरूरत पड़ती हैं|
NSM (राष्ट्रीय सोलर मिशन) के तहत स्वीकृत “सोलर घर प्रकाश व्यवस्था” के लिए एक निश्चित स्तर कार्यक्षमता पूर्ण निर्धारित की गई हैं| सीएफएल आधारित सोलर प्रणाली मॉड्यूल को 14% और उससे अधिक की मॉड्यूल दक्षता की आवश्यकता होती है और एक एलईडी आधारित सोलर प्रणाली को 12% या उससे ऊपर की दक्षता आवश्यक होती हैं| कृपया ध्यान दें, कि ऐसी व्यवस्था एक सीरियल नंबर फ्रेम पर उत्कीर्ण NSM के साथ ही शुरू होती हैं|
एक सोलर पीवी प्रणाली के लिए वारंटी और रखरखाव की आवश्यकताये
NSM द्वारा खरीदी गई एक सोलर पीवी मॉड्यूल, आपूर्ति की तिथि से 25 वर्ष की वारंटी के साथ आता है| एक सोलर घर प्रकाश सिस्टम 5 साल की वारंटी के साथ आता है, रखरखाव मुक्त सील बैटरीया 2 साल की वारंटी के साथ आती हैं और लेड एसिड से भरी बैटरीया 5 साल की वारंटी के साथ आतीं हैं|
सभी विद्युत और यांत्रिक उपकरण-समूह के साथ, एक सोलर पीवी प्रणाली सिस्टम भी उचित और नियमित रखरखाव मांगता हैं| एक कुशल प्रणाली को ठीक से लंबे समय तक चलाने के लिए उचित और नियमित रखरखाव की बहुत जरूरत होती हैं| यह महत्वपूर्ण है, कि सोलर पैनल व पीवी मॉड्यूल के निर्माता ऑपरेशन, निर्देश और रखरखाव संबंधित साहित्य पुस्तिका अंग्रेजी में तथा स्थानीय भाषा में प्रकाशित करें| हालांकि, एक सोलर पीवी प्रणाली को रखरखाव की बहुत अधिक जरूरत नहीं होती है, पर उसकी कार्यकुशलता को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से धूल और पक्षी गोबर जैसे गर्द से सिस्टम को साफ करने की जरूरत पड़ती रहती हैं| अगर आप रखरखाव मुक्त (मेंटेनेंस फ्री) बैटरी चुनते हैं तो आपको बैटरी के बारें में ज्यादा परेशान होने की जरुरत नहीं हैं| आप यह भी सुनिश्चित करें जहाँ प्रणाली स्थापित हैं, वहां पर्याप्त सूरज की रोशनी आ रहीं हो और आस पास पेड़ आदि से जगह छायांकित न हो|
केंद्र सरकार एक ऐसी स्कीम लेकर आई है, जिसमें आप महज 70 हजार रुपए खर्च कर 25 साल तक मुफ्त बिजली पा सकते हैं। हर महीने आपके बिजली के भारी-भरकम बिल की टेंशन खत्मं करने के लिए यह एक अच्छाा ऑफर है। दरअसल, सोलर पैनल लगाने वालों को केंद्र सरकार का न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय रूफटॉप सोलर प्लां ट पर 30 फीसदी सब्सिडी मुहैया करा रहा है। बिना सब्सिडी के रूफटॉप सोलर पैनल लगाने पर करीब 1 लाख रुपए का खर्च आता है।
आइए समझते हैं कैसे...
एक सोलर पैनल की कीमत तकरीबन एक लाख रुपए है। राज्यों के हिसाब से यह खर्च अलग होगा। सब्सिडी के बाद एक किलोवॉट का सोलर प्लांट मात्र 60 से 70 हजार रुपए में कहीं भी इन्स्टॉल करा सकते हैं। वहीं, कुछ राज्य इसके लिए अलग से अतिरिक्त सब्सिडी भी देते हैं।
कहां से खरीदें सोलर पैनल
> सोलर पैनल खरीदने के लिए आप राज्य सरकार की रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट अथॉरिटी से संपर्क कर सकते हैं।
> राज्यों के प्रमुख शहरों में कार्यालय बनाए गए हैं।
> हर शहर में प्राइवेट डीलर्स के पास भी सोलर पैनल उपलब्ध हैं।
> अथॉरिटी से लोन लेने के लिए पहले संपर्क करना होगा।
> सब्सिडी के लिए फॉर्म भी अथॉरिटी कार्यालय से ही मिलेगा।
25 साल होती है सोलर पैनलों की उम्र
सोलर पैनलों की उम्र 25 साल की होती है। यह बिजली आपको सौर ऊर्जा से मिलेगी। इसका पैनल भी आपकी छत पर लगेगा। यह प्लांट एक किलोवाट से पांच किलोवाट क्षमता तक होंगे। यह बिजली न केवल निशुल्क होगी, बल्कि प्रदूषण मुक्त भी होगी।
पांच सौ वाट तक के सोलर पैनल मिलेंगे
सरकार की तरफ से पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर यह पहल शुरू की गई है। जरूरत के मुताबिक, पांच सौ वाट तक की क्षमता के सोलर पावर पैनल लगा सकते हैं। इसके तहत पांच सौ वाट के ऐसे प्रत्येक पैनल पर 50 हजार रुपए तक खर्च आएगा।
10 साल में बदलनी होगी बैटरी
सोलर पैनल में मेटनेंस खर्च नहीं आता, लेकिन हर 10 साल में एक बार बैटरी बदलनी होती है। जिसका खर्च करीब 20 हजार रुपए होता है। इस सोलर पैनल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है।
एयरकंडीशनर भी चलेगा
एक किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल में आमतौर पर एक घर की जरूरत की पूरी बिजली मिल जाती है। अगर एक एयरकंडीशनर चलाना है तो दो किलोवाट और दो एयर कंडीशनर चलाना है तो तीन किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल की जरूरत होगी।
बैंक से मिलेगा होम लोन
सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए यदि एकमुश्त 60 हजार रुपए नहीं है, तो आप किसी भी बैंक से होम लोन ले सकते हैं। वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों को होम लोन देने को कहा है। अबतक बैंक सोलर प्लांट के लिए लोन नहीं देते थे।
बेच भी सकते हैं एनर्जी
राजस्थासन, पंजाब, मध्यं प्रदेश और छत्ती सगढ़ जैसे राज्यों में सोलर एनर्जी को बेचने की सुविधा दी जा रही है। इसके तहत सोलर पावर प्लांथट से पैदा की गई अतिरिक्त। बिजली पावर ग्रिड से जोड़कर राज्यस सरकार को बेची जा सकेगी। उत्त र प्रदेश ने सोलर पावर का प्रयोग करने के लिए प्रोत्सा हन स्कीअम शुरू की है। इसके तहत सोलर पैनल के इस्तेरमाल पर बिजली बिल में छूट मिलेगी।
कैसे कमाएं पैसे
घर की छत पर सोलर प्लांट लगाकर बिजली बनाई जा सकती है। इसे बेचकर आप पैसा कमा सकते हैं। इसके लिए ये कुछ काम करने होंगे...
> लोकल बिजली कंपनियों से टाइअप करके बिजली बेच सकते हैं। इसके लिए लोकल बिजली कंपनियों से आपको लाइसेंस भी लेना होगा।
> बिजली कंपनियों के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट करना होगा।
> सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रति किलोवाट टोटल इन्वेस्टमेंट 60-80 हजार रुपए होगा।
> प्लांट लगाकर बिजली बेचने पर आपको प्रति यूनिट 7.75 रुपए की दर से पैसा मिलेगा।
एक सोलर पीवी सेल और मॉड्यूल क्या होते है?
सोलर पीवी सेल एक पीवी प्रणाली के निर्माण मूलखंड होते है| यह सेमीकंडक्टर पदार्थ से परिपूर्ण होते हैं, बिजली उत्पन्न करने के लिए यह सूर्य के प्रकाश को सोख लेते है, इस सिद्धांत को हम “फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव” कहते हैं| सूर्य के प्रकाश की एक निश्चित तरंगदैर्ध्य (वेवलेंथ) ही प्रभावी ढंग से बिजली उत्पन्न कर सकने में समर्थ होती हैं| हालांकि एक सोलर पीवी उस दिन भी बिजली उत्पन्न कर सकने में सक्षम होती हैं, जिस दिन आसमान में बादल छाएं होते हैं, लेकिन यह सूर्य के प्रकाश (धूप) के साथ एक उज्ज्वलित दिन के मुकाबले कहीं कम प्रभावी सिध्द होता हैं|
एक नियमित पीवी सेल काफी कम मात्रा में बिजली उत्पन्न करता हैं, इसलिए उनमें से कई एक साथ जोड़ या एकत्र कर सोलर पीवी मॉड्यूल बनाते हैं| इन सोलर पीवी मॉड्यूल से 10 वाट से 300 वाट तक बिजली उत्पन्न हो सकती हैं| अधिक बिजली की आवश्यकता पड़ने पर इन पीवी मॉड्यूल को एक सरणी (ऐरे) में स्थापित किया जाता हैं|
एक सोलर सेल को बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्री का उपयोग किया जाता है, और सोलर सेल की कार्यकुशलता भी काफी हद तक उसी पर निर्भर करती हैं| सोलर सेल की कार्यकुशलता, सूरज की रोशनी को एक निश्चित मात्रा में बिजली में परिवर्तित करने की दक्षता पर भी निर्भर करता है| बाजार में उपलब्ध सोलर सेल विभिन्न क्षमता के होते हैं जैसे 4%, 8%, 12%, 14% और 16%| एक सोलर पीवी मॉड्यूल का आकार, उसकी उत्पादन और क्षमता पर निर्भर करता है|
उदाहरण के तौर पर, एक 12% कुशल प्रणाली से 2000 वाट बिजली उत्पन्न करने के लिए, आपको 200 वर्ग फुट छत के वर्ग क्षेत्र की जरूरत पड़ती हैं|
NSM (राष्ट्रीय सोलर मिशन) के तहत स्वीकृत “सोलर घर प्रकाश व्यवस्था” के लिए एक निश्चित स्तर कार्यक्षमता पूर्ण निर्धारित की गई हैं| सीएफएल आधारित सोलर प्रणाली मॉड्यूल को 14% और उससे अधिक की मॉड्यूल दक्षता की आवश्यकता होती है और एक एलईडी आधारित सोलर प्रणाली को 12% या उससे ऊपर की दक्षता आवश्यक होती हैं| कृपया ध्यान दें, कि ऐसी व्यवस्था एक सीरियल नंबर फ्रेम पर उत्कीर्ण NSM के साथ ही शुरू होती हैं|
एक सोलर पीवी प्रणाली के लिए वारंटी और रखरखाव की आवश्यकताये
NSM द्वारा खरीदी गई एक सोलर पीवी मॉड्यूल, आपूर्ति की तिथि से 25 वर्ष की वारंटी के साथ आता है| एक सोलर घर प्रकाश सिस्टम 5 साल की वारंटी के साथ आता है, रखरखाव मुक्त सील बैटरीया 2 साल की वारंटी के साथ आती हैं और लेड एसिड से भरी बैटरीया 5 साल की वारंटी के साथ आतीं हैं|
सभी विद्युत और यांत्रिक उपकरण-समूह के साथ, एक सोलर पीवी प्रणाली सिस्टम भी उचित और नियमित रखरखाव मांगता हैं| एक कुशल प्रणाली को ठीक से लंबे समय तक चलाने के लिए उचित और नियमित रखरखाव की बहुत जरूरत होती हैं| यह महत्वपूर्ण है, कि सोलर पैनल व पीवी मॉड्यूल के निर्माता ऑपरेशन, निर्देश और रखरखाव संबंधित साहित्य पुस्तिका अंग्रेजी में तथा स्थानीय भाषा में प्रकाशित करें| हालांकि, एक सोलर पीवी प्रणाली को रखरखाव की बहुत अधिक जरूरत नहीं होती है, पर उसकी कार्यकुशलता को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से धूल और पक्षी गोबर जैसे गर्द से सिस्टम को साफ करने की जरूरत पड़ती रहती हैं| अगर आप रखरखाव मुक्त (मेंटेनेंस फ्री) बैटरी चुनते हैं तो आपको बैटरी के बारें में ज्यादा परेशान होने की जरुरत नहीं हैं| आप यह भी सुनिश्चित करें जहाँ प्रणाली स्थापित हैं, वहां पर्याप्त सूरज की रोशनी आ रहीं हो और आस पास पेड़ आदि से जगह छायांकित न हो|
0 टिप्पणियाँ: