सोमवार, 20 अगस्त 2018

धारा 315 बच्चे का जीवित पैदा होने से रोकना या जन्म के बाद उसे मारने के लिए किया गया कार्य


आईपीसी की धारा 315 
अपराध : बच्चे का जीवित पैदा होने से रोकना या जन्म के बाद उसे मारने के लिए किया गया कार्य
सजा : 10 साल का कारावास या आर्थिक दण्ड, या दोनों
जमानत : यह अपराध एक गैर-जमानती, होने के साथ साथ संज्ञेय भी है और यह सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।

क्या है आईपीसी की धारा 315 ?
जो भी भारतीय इन्सान किसी शिशु के जन्म से पूर्व कोई कार्य उस शिशु के जीवित पैदा होने तद्द्वारा रोकने या जन्म के पश्चात् तद्द्वारा उसकी मॄत्यु कारित करने के आशय से करेगा, और ऐसे कार्य से उस शिशु का जीवित पैदा होना रोकेगा, या उसके जन्म के पश्चात् उसकी मॄत्यु कारित करेगा, और यदि वह कार्य माता के जीवन को बचाने के प्रयोजन से सद्भावपूर्वक नहीं किया गया हो, तो उस व्यक्ति को किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा होगी जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Act done with intent to prevent child being born alive or to cause it to die after birth- Whoever before the birth of any child does any act with the intention of thereby preventing that child from being born alive or causing it to die after its birth, and does by such act prevent that child from being born alive, or causes it to die after its birth, shall, if such act be not caused in good faith for the purpose of saving the life of the mother, be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years, or with fine, or with both.
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