दंड संहिता की धारा 153 (ख ) के अनुसार
राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन
(1) जो कोई लिखे गए या बोले गए शब्दों दवारा या संकेतो द्वारा या दृश्यरुपणों द्वारा या अन्यथा :-
( क)ऐसा कोई लांछन लगाएगा या प्रकाशित करेगा कि किसी वर्ग के व्यकति इस कारण की वे किसी धार्मिक ,मूलवंशीय , भाषायी या प्रादेशिक समूह या जाती या समुदाय के सदस्य है ,विधि दवारा स्थापित भारत के सविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठां नहीं रख सकते या भारत की प्रभुता और मर्यादा की अखंडता नहीं बनाये रख सकते ,अथवा
(ख) यह प्रख्यान करेगा या परामर्श देगा ,सलाह देगा ,प्रचार करेगा ,या प्रकाशित करेगा कि किसी वर्ग के व्यक्तियों को इस कारण कि वे किसी धार्मिक ,मूलवंशीय , भाषायी या प्रादेशिक समूह या जाती या समुदाय के सदस्य है ,भारत के नागरिक के रूप में उनके अधिकार नहीं दिए जाये या वंचित किया जाये ,अथवा
(ग़) किसी वर्ग के व्यक्तियों की , बाध्यता के सम्बद्ध में इस कारण कि वे किसी धार्मिक ,मूलवंशीय , भाषायी या प्रादेशिक समूह या जाती या समुदाय के सदस्य है,कोई प्रख्यान करेगा ,परामर्श देगा ,अभिवाक् करेगा या आपेल करेगा या प्रकाशित करेगा ,और ऐसे प्रख्यान,परामर्श ,अभिवाक् या अपील
से ऐसे सदस्यों तथा अन्य व्यकतियो के बीच आसमंजस्य ,अथवा शत्रुता या घृणा या वैमनस्य की भावना उत्पन होती है या उत्पन होना संभाव्य है ,
वह कारावास से जो 3 वर्ष तक हो सकेगी ,या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जायेगा
(2) जो कोई उपधारा (1) में विर्निद्रुस्त कोई अपराध किसी उपासना स्थल में या धामिक उपासना ,या धार्मिक कर्म करने में लगे हुए किसी जमाव में करेगा ,वह कारावास से जो 5 वर्ष तक हो सकेगी ,और जुर्माने के भी ,या दोनों से दण्डित किया जायेगा
राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन
(1) जो कोई लिखे गए या बोले गए शब्दों दवारा या संकेतो द्वारा या दृश्यरुपणों द्वारा या अन्यथा :-
( क)ऐसा कोई लांछन लगाएगा या प्रकाशित करेगा कि किसी वर्ग के व्यकति इस कारण की वे किसी धार्मिक ,मूलवंशीय , भाषायी या प्रादेशिक समूह या जाती या समुदाय के सदस्य है ,विधि दवारा स्थापित भारत के सविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठां नहीं रख सकते या भारत की प्रभुता और मर्यादा की अखंडता नहीं बनाये रख सकते ,अथवा
(ख) यह प्रख्यान करेगा या परामर्श देगा ,सलाह देगा ,प्रचार करेगा ,या प्रकाशित करेगा कि किसी वर्ग के व्यक्तियों को इस कारण कि वे किसी धार्मिक ,मूलवंशीय , भाषायी या प्रादेशिक समूह या जाती या समुदाय के सदस्य है ,भारत के नागरिक के रूप में उनके अधिकार नहीं दिए जाये या वंचित किया जाये ,अथवा
(ग़) किसी वर्ग के व्यक्तियों की , बाध्यता के सम्बद्ध में इस कारण कि वे किसी धार्मिक ,मूलवंशीय , भाषायी या प्रादेशिक समूह या जाती या समुदाय के सदस्य है,कोई प्रख्यान करेगा ,परामर्श देगा ,अभिवाक् करेगा या आपेल करेगा या प्रकाशित करेगा ,और ऐसे प्रख्यान,परामर्श ,अभिवाक् या अपील
से ऐसे सदस्यों तथा अन्य व्यकतियो के बीच आसमंजस्य ,अथवा शत्रुता या घृणा या वैमनस्य की भावना उत्पन होती है या उत्पन होना संभाव्य है ,
वह कारावास से जो 3 वर्ष तक हो सकेगी ,या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जायेगा
(2) जो कोई उपधारा (1) में विर्निद्रुस्त कोई अपराध किसी उपासना स्थल में या धामिक उपासना ,या धार्मिक कर्म करने में लगे हुए किसी जमाव में करेगा ,वह कारावास से जो 5 वर्ष तक हो सकेगी ,और जुर्माने के भी ,या दोनों से दण्डित किया जायेगा
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