भारतीय दंड संहिता की धारा 202 के अनुसार
इत्तिला देने के लिए आबद्ध व्यकति द्वारा आपरध की इत्तिला देने का साशय लोप - जो कोई यह जानते हुए या यह विश्वास रखने का कारण रखते हुए कि कोई अपराध किया गया है ,उस अपराध के बारे में कोई इत्तिला जिसे देने के लिए वह वैध रूप से आबद्ध हो ,देने का साशय लोप करेगा ,तो वह दोनों में से किसी भी प्रकार की कारावास जिस अवधि 6 माह तक हो सकेंगे और जुर्माने या दोनों से दंडनीय होगा
इत्तिला देने के लिए आबद्ध व्यकति द्वारा आपरध की इत्तिला देने का साशय लोप - जो कोई यह जानते हुए या यह विश्वास रखने का कारण रखते हुए कि कोई अपराध किया गया है ,उस अपराध के बारे में कोई इत्तिला जिसे देने के लिए वह वैध रूप से आबद्ध हो ,देने का साशय लोप करेगा ,तो वह दोनों में से किसी भी प्रकार की कारावास जिस अवधि 6 माह तक हो सकेंगे और जुर्माने या दोनों से दंडनीय होगा
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