शुक्रवार, 17 अगस्त 2018

क्या है अटल पेंशन योजना ? पूरी जानकारी

अटल पेंशन योजना

यह योजना विशेषकर कम आमदनी वाले लोगों को 60 साल की आयु के बाद पेंशन मुहैया कराने के लिए जारी की गई है। यह एक किफायती पेंशन योजना है जिसमें 40 साल तक के लोग शामिल होकर अपने बुढ़ापे की आर्थिक सुरक्षा कर सकते हैं

यह सामाजिक सुरक्षा योजना एक जून 2015 से लागू होगी।

इस स्कीम का उद्देश्य 60 साल की उम्र के बाद एक निश्चित पेंशन देना है जिसके जरिए कम आय वर्ग के लोगों का बुढ़ापा आसानी से कट सके।

बुढ़ापे की आर्थिक सुरक्षा के लिए अटल पेंशन योजना काफी उपयोगी साबित हो सकती है।क्या है योजनाजैसा की नाम से प्रतीत होता है यह एक पेंशन योजना है। इसमें कुछ साल तक निवेश करने के बाद बीमा कंपनी एलआईसी आपको एक निश्चित पेंशन देगी। क्योंकि यह स्कीम सरकार द्वारा चलाई जा रही है इसलिए जो भी पेंशन मिलेगी वह गारंटीड होगी।

पेंशन कितनी होगी, वह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप कितना निवेश करते हैं

अगर योजना की तह में जाकर देखें तो कम उम्र में योगदान शुरू करने पर ज्यादा पेंशन मिलेगी जो लंबी अवधि में निवेश का मूल आधार होता है।

योजना की खूबियांअटल पेंशन योजना के तहत गारंटीड पेंशन मिलेगी जो 1000 से 5000 रपए तक मासिक होगी। क्योंकि यह असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए बनाई गई है इसलिए इसमें सरकार भी आपके हिस्से का कुछ निवेश अपनी तरफ से करेगी।

यह राशि आपके निवेश का 50 फीसद या 1000 रपए मासिक जो भी कम है, होगी। लेकिन सरकार सिर्फ उन खातों में ही निवेश करेगी जो किसी और सामाजिक सुरक्षा योजना का हिस्सा नहीं हैं। कर के दायरे में आने वालों को भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

सरकार की यह हिस्सेदारी पांच साल तक होगी। इसका लाभ उन लोगों को मिलेगा जो एक जून, 2015 से लेकर 31 दिसम्बर, 2015 तक इस योजना में शामिल होंगे। बचत खात धारक योजना में शामिल हो सकते हैं।
यह स्कीम के लिए आधार कार्ड होना जरूरी है। यदि किसी वजह से आधार कार्ड नहीं बना है तो इसका नंबर बाद में भी दिया जा सकता है। आधार कार्ड और मोबाइल नंबर स्कीम लेते वक्त देना होगा। इस स्कीम के लिए आपका प्रीमियम आपके बैंक खाते से डेबिट किया जाएगा। इसके लिए आपको ऑटो डेबिट फार्म भरना होगा।

पेनल्टी का प्रावधानइस योजना में निवेश बैंक खातों से सीधा डेबिट होगा इसीलिए ऐसी स्थिति भी हो सकती है जब आपके खाते में पर्याप्त राशि न हो। लेकिन सरकार इसको बढ़ावा नहीं देना चाहती। इसीलिए अगर पेमेंट में कोई देरी होती है तो बैंक आपसे पेनल्टी लेगा। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह पेनल्टी बैंक खाते में जाएगी। जो भी इंटरेस्ट य पेनल्टी निवेश पर लग रहा है वह आपकी पेंशन राशि का हिस्सा ही बनेगा। इस पेनल्टी का उद्देश्य सिर्फ समय पर निवेश को बढ़ावा देना है।

बंद हो सकता है खातायोजना की अवधि के दौरान कुछ लोगों के साथ ऐसी स्थिति भी बन सकती है कि कुछ महीनों तक इसमें निवेश ही न हो पाए। इस सूरत में आपका पेंशन खाता बंद भी किया जा सकता है।

सरकार ने तीन स्थितियों में खाते को बंद करने की शर्त रखी है-द छह माह तक निवेश न करने पर सील हो जाएगा।द एक साल तक पैसे जमा न करने पर डिएक्टीवेट।द दो साल तक निवेश न करने पर बंद हो जाएगा खाता।इसलिए यह जरूरी होगा कि आप अपने बैंक खाते में पर्याप्त राशि रखें जिससे पेंशन खाता चालू रहे।

अटल पेंशन योजना में शामिल होने के बाद इसे 60 साल से पहले छोड़ने का विकल्प नहीं है। खाताधारक की 60 साल की उम्र होने पर पूरी राशि को पेंशन में लेने की सुविधा है। यदि खाताधारक की बीच में मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी को यही पेंशन दी जाएगी।

अगर दोनों की मृत्यु हो जाती है तो जो भी नामिनी होगा उसको बची राशि मिल जाएगी। हमारे यहां अंसगठित क्षेत्र में काम करने वालों की तादाद तेजी से बढ़ रही है जो इकोनामी में अहम भूमिका निभाते हैं। अभी तक इनके लिए कोई सामाजिक सुरक्षा योजना नहीं थी। ऐेसे लोगों की वित्तीय सुरक्षा के लिए अटल योजना अच्छा विकल्प है।

सरकार ने आयु और जितनी पेंशन आप हर माह लेना चाहते हैं, उसी के अनुसार हर म ाह पैसा जमा कराने के लिए स्पष्ट नीति बनाई है। मसलन आप हर माह 1000 रूपए की पेंशन चाहते हैं और आपकी आयु 18 वर्ष है, तो आपको 42 साल तक हर माह 42 रूपए जमा करवाने होंगे। वहीं 40 साल की उम्र वालों को 291 रूपए 20 साल तक हर माह जमा करवाने होंगे। 1000 रूपए पेंशन के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति की अगर मृत्यु हो जाती है, तो उसके नामांकित उत्तराधिकारी को 1.7 लाख रू पए दिया जाएगा। इसी तरह 2000, 3000, 4000 या अधिकमत 5000 रूपए प्रति माह पेंशन चाहने वालों के लिए उम्र के हिसाब से प्रतिमाह का प्रीमियम देना होगा। अगर आप फिलहाल 30 साल के हैं और चाहते हैं कि आपको हर माह 5000 रूपए की पेंशन मिले, तो आपको 30 साल तक प्रतिमाह 577 रूपए जमा करवाने होंगे। ऎसे लोगों की अगर मृत्यु हो जाती है, तो उनके नामांकित उत्तराधिकारी को 8.5 लाख रूपए देय होंगे।

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